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हार का डर नहीं, प्रियंका गांधी ने खुद बताई वाराणसी से चुनाव ना लड़ने की असल वजह

वाराणसी
कांग्रेस की महासचिव और पूर्वी यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी ने रविवार को वाराणसी से चुनाव ना लड़ने की वजह को स्पष्ट किया। प्रियंका ने कहा कि पार्टी की ओर से यूपी की 41 सीटों पर उन्हें प्रचार अभियान की जिम्मेदारी दी गई थी, ऐसे में सिर्फ एक सीट पर चुनाव लड़ने की स्थिति में उनके लिए सभी सीटों पर ध्यान लगाना संभव ना हो पाता। पार्टी की ओर से पूर्वी यूपी की प्रभारी बनाई गईं प्रियंका ने स्पष्ट करते हुए कहा कि चुनाव अभियान की जिम्मेदारी के कारण ही उन्होंने वाराणसी लोकसभा से खुद ना उतरने का फैसला किया है।

बता दें कि वाराणसी लोकसभा सीट पर पीएम मोदी को दोबारा प्रत्याशी बनाए जाने के बाद से ही यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि कांग्रेस यहां पर किसी राष्ट्रीय नेता को मोदी के खिलाफ चुनाव लड़वा सकती है। इसी बीच प्रियंका गांधी को पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाए जाने के बाद इस प्रकार की अटकलें शुरू हो गईं कि प्रियंका गांधी आने वाले वक्त में पूर्वांचल की सबसे प्रतिष्ठित सीट वाराणसी से चुनाव लड़ सकती हैं। इस संभावना को बल देते हुए प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा ने भी मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रियंका वाराणसी से दावेदार हो सकती हैं। हालांकि बाद में प्रियंका ने यह निर्णय पार्टी पर छोड़ते हुए कहा था कि अगर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी कहेंगे तो वह वाराणसी लोकसभा से चुनाव जरूर लड़ेंगे।

राजनीतिक चर्चाओं और तमाम संकेतों के बीच कांग्रेस पार्टी ने पीएम के नामांकन के एक दिन पहले प्रियंका के स्थान पर वाराणसी से पार्टी के नेता और पूर्व विधायक अजय राय को प्रत्याशी बना दिया। अजय राय को प्रत्याशी बनाने के साथ ही प्रियंका के वाराणसी से चुनाव लड़ने की संभावना भी फिलहाल के लिए खत्म हो गई। भले ही तमाम लोगों ने इसे कांग्रेस पार्टी का पीएम नरेंद्र मोदी को वॉक ओवर बताया हो, लेकिन प्रियंका गांधी ने यह स्पष्ट किया कि प्रभारी के तौर पर प्रचार की जिम्मेदारी और पूर्वांचल की अन्य सीटों पर चुनाव प्रबंधन की व्यस्तता के कारण ही उन्होंने चुनाव लड़ने का फैसला नहीं किया।

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