Main Slideउत्तर प्रदेशउत्तराखंडखबर 50जम्मू कश्मीरदिल्ली एनसीआरदेशप्रदेशबिहारबड़ी खबरमध्य प्रदेशविदेशवीडियोसाहित्य

पीएम मोदी बोले- भारत ने आतंकियों को घर में घुसकर मारा

हमारे देश में अगर कोई आतंकी हमला होता है तो आपको दुःख होता है। हमला कश्मीर में हो, मगर दुःख भदोही को होता है, हमला कश्मीर में हो, लेकिन दिल कन्याकुमारी का रोता है। लेकिन जब उसके जवाब में सर्जिकल स्ट्राइक होता है तो आपको गर्व होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बात उत्तर प्रदेश के भदोही में विजय संकल्प रैली को संबोधित करते हुए कही।

भदोही में पीएम मोदी के भाषण के मुख्य अंश:

हमारे इतने पराक्रम हुए, लेकिन किसी देश ने हमारा विरोध किया क्या? किसी देश ने भारत पर कोई प्रतिबन्ध लगाया क्या़? जब आप सही नीयत और नीति से लोगों के हितों में काम करते हैं तो नामुमकिन भी मुमकिन है।

ये भारत की बढ़ती ताकत का ही तो असर है, लेकिन मैं महामिलावट का क्या करूं जो भारत की इस कामयाबी को मानने को ही तैयार नहीं हैं। 2014 से पहले देश से ऐसी सरकार आई जो कांग्रेस ने 10 साल सरकार चलाई उसने देश की साख का ऐसा हाल करके रखा था कि दुनिया हमारी साख मानने को तैयार नहीं थी।

2-3 दिन पहले ही दुनिया की सबसे बड़ी संस्था ने भारत में सैंकड़ों लोगों की जान लेने वाले गुनहगार आतंकी मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया। ये भारत की बढ़ती ताकत का ही तो असर है।

महामिलावटी कह रहे हैं कि देश में चुनाव था इसलिए मोदी ने मसूद अजहर पर बैन लगवा दिया। हर चीज को चुनाव के चश्में से देखने की वजह से ही आज कांग्रेस और उसके साथियों की ये हालत हो गई है।

2014 में आपके दिए एक वोट ने भारत को उस ऊंचाई पर पहुंचाने में बहुत बड़ी मदद की है। भदोही की साख कालीन से है, यहां का हर कालीन व्यापारी साख का मतलब क्या होता है इसको भली भांति समझता है जब साख अच्छी होती है तो बहुत कुछ आसान हो जाता है। व्यापार, कमाई, एक्सपोर्ट सब कुछ हर बात पर साख का असर पड़ता है।

याद करिये हजारों करोड़ के घोटाले, भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़े बड़े आंदोलन। सत्ता के गलियारों में केवल बिचौलियों और दलालों का ही राज चलता था। हर तरफ बेईमानी, भ्रष्टाचार और भाई भतीजावाद की चर्चा रहती थी। आपके इस चौकीदार ने सबकुछ बंद कर दिया है।

जब सिर्फ अपना और अपने परिवार का नहीं बल्कि देश का विकास करने की इच्छाशक्ति के साथ सरकारें चलाई जाती है, तो इसी तरह का परिवर्तन आता है।

हमारे देश में आजदी के बाद 4 तरह के राजनीतिक कल्चर चलें- पहला – नामपंथी, दूसरा – वामपंथी, तीसरा – दाम और दमनपंथी, चौथा है जो हम लाये हैं – विकासपंथी। नामपंथी – जो सिर्फ अपने वंशवादी नेता का नाम जपे। वामपंथी – जो विदेशी विचारधारा को भारत पर थोपने की कोशिश करे। दाम-दमन पंथी – जो धन और बाहुबल की ताकत पर सत्ता पर कब्जा करे। हमारा कल्चर है विकास पंथी- जिसके लिए सिर्फ और सिर्फ देश के लोगों का विकास ही सबसे बड़ी प्राथमिकता है, जिसके लिए दल से भी बड़ा देश है।

अगर मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ता हूं तो मेरे गरीब भाईयों के हक के लिए लड़ता हूं। अगर मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ता हूं तो मैं देश के ईमानदारों के लिए एक दीवार बनकर उनकी मदद के लिए लड़ता हूं।

सपा -बसपा और कांग्रेस ने हमेशा लोगों को आपस में जात-पात और पंथ के नाम पर भिड़ाकर सिर्फ अपना और अपने परिवार का विकास किया है। इन पार्टियों के बड़े नेताओं की कुछ दशक पहले तक क्या हालत थी और आज वो कैसी आलिशान जिंदगी जी रहे हैं ये भी देखते रहिये

मैं लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहकर आया हूं और गुजरात जैसे समृद्ध राज्य का मुख्यमंत्री रहकर आया हूं। पिछले 5 साल से आपने प्रधान सेवक के रूप में काम दिया है। इस व्यक्ति के ऊपर एक दाग लगा है क्या? कहीं कोई संपत्ति का पता चला है क्या? देश को इसके सिवा और क्या चाहिए।

इन महामिलावटी लोगों ने सत्ता को हमेशा अपनी दौलत बढ़ाने का जरिया माना है। जबकि हमारे लिए सत्ता, देश के लोगों की सेवा का माध्यम रही है।

जब इन्हें सत्ता मिलती है, ये उत्तर प्रदेश को एंबुलेंस घोटाला, NRHM घोटाला देते हैं। जब हमें सेवा का मौका मिलता है तो हम आयुष्मान भारत शुरू करते हैं, जन औषधि स्टोर खोलते हैं। जब इन्हें सत्ता मिलती है तो ये शहरों और इलाकों को ध्यान में रखकर बिजली की सप्लाई में भेदभाव करते हैं। जब हमें सेवा का मौका मिलता है तो हम सामान्य नागरिक को 24 घंटे बिजली देने का प्रयास करते हैं।

जब इन्हें सत्ता मिलती है, तो ये गरीब को घर देने में भी भेदभाव करते हैं, वोटबैंक का ध्यान रखते हैं। जब हमें सेवा का मौका मिलता है तो हम सबका साथ-सबका विकास करते हुए हर बेघर को घर देने के लिए काम करते हैं। जब इन्हें सत्ता मिलती है तो ये कोयला घोटाला कर जाते हैं। जब हमें सेवा का मौका मिलता है तो हम हर गरीब के घर में उज्जवला के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन पहुंचाते हैं।

जब इन्हें सत्ता मिलती है तो ये चीनी मिलों को भी कौड़ियों के दाम बेचकर करोड़ों कमा लेते हैं। जब हमें सेवा का मौका मिलता है तो हम बंद पड़ी चीनी मिलों को फिर से चलवाने का प्रयास करते हैं। जब इन्हें सत्ता मिलती है तो ये भर्तियों में भी घोटाला कर जाते हैं, नौजवानों को धोखा देते हैं। जब हमें सेवा का अवसर मिलता है तो हम ग्रुप सी और डी की नौकरियों में इंटरव्यू की परंपरा ही खत्म कर देते हैं।

आज यहां से मैं पूरे हिंदुस्तान की मुस्लिम बहनों से कहना चाहता हूं कि आज दुनिया के मुस्लिम देशों में भी तीन तलाक की प्रथा नहीं है। हम भी भारत की मुस्लिम महिलाओं को वही अधिकार देना चाहते हैं, जो दुनिया के मुस्लिम देशों में मिला हुआ है।

Related Articles

Back to top button