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ये 78 सीटें बदल सकती हैं चुनावी गणित, इनपर हार-जीत तय करेगी पार्टियों की किस्मत

एग्जिट पोल के अनुमानों में यह तथ्य सामने आया है कि देशभर की 78 लोकसभा सीटों पर मुकाबला कड़ा रहने वाला है. हालांकि, इन सीटों में से ज्यादातर पर बीजेपी या उसके सहयोगी दल आगे नजर आ रहे हैं. लेकिन अगर नतीजे विपरीत रहते हैं तो तस्वीर फीकी पड़ सकती है.

17वीं लोकसभा के लिए 17 मई को आखिरी दौर का चुनाव प्रचार खत्म हुआ और उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया से मुखातिब होकर आत्मविश्वास के साथ फिर से सरकार में वापसी का दावा कर दिया. 19 मई को जब तमाम एग्जिट पोल के अनुमान आए तो प्रधानमंत्री मोदी का आत्मविश्वास एक मजबूत सच्चाई की झलक देता दिखाई दिया.

देश के सबसे भरोसेमंद एग्जिट पोल आजतक और एक्सिस माई इंडिया के पोल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को दूर-दूर तक कोई चुनौती नहीं दिख रही है. बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए को 543 सीटों में 339 से 365 सीटें मिलने का अनुमान है जबकि खुद बीजेपी को ही 293 से 316 सीटें मिल सकती हैं. अगर ये अनुमान सच्चाई में बदल गए तो 21वीं सदी में सत्ता की बदलती राजनीति का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही एक बार फिर सबसे बड़ा चेहरा होंगे. लेकिन एग्जिट पोल के कुछ अनुमान ऐसे भी हैं जो न सिर्फ बीजेपी को इतिहास रचने से रोक सकते हैं, बल्कि कांग्रेस के ग्राफ को निम्नतम स्तर पर भी ला सकते हैं.

78 सीटों पर कड़ी टक्कर

एग्जिट पोल के अनुमानों में यह तथ्य सामने आया है कि देशभर की 78 लोकसभा सीटों पर मुकाबला कड़ा रहने वाला है. हालांकि, इन सीटों में से ज्यादातर पर बीजेपी या उसके सहयोगी दल आगे नजर आ रहे हैं. एग्जिट पोल के मुताबिक, टफ फाइट वाली सीटों में 37 पर एनडीए (33 बीजेपी, 4 गठबंधन दल) आगे चल रहा है, जबकि 17 सीटों पर यूपीए का पड़ला भारी है. इनमें 4 सीटों पर कांग्रेस की सहयोगी पार्टियां आगे हैं, जबकि 13 पर कांग्रेस खुद लीड कर रही है.

इन दोनों प्रमुख दलों के अलावा शेष सीटों पर तृणमूल कांग्रेस, टीडीपी, वाईएसआर, बीजेडी, बसपा और सीपीआईएम जैसे दलों के प्रत्याशी सबसे पॉपुलर नजर आ रहे हैं.

महज 3 फीसदी वोट का अंतर

दिलचस्प बात ये है कि इन सभी 78 सीटों पर विजयी प्रत्याशी और दूसरे नंबर पर रहने वाले प्रत्याशी के बीच महज 3 फीसदी वोट का अंतर नजर आ रहा है. ऐसे में यह कम अंतर किसी भी पार्टी के लिए निर्णायक साबित हो सकता है, जिसका नतीजों पर बड़ा असर देखने को मिल सकता है.

पहली तस्वीर- जिन 33 सीटों पर बीजेपी आगे नजर आ रही है, अगर उन सभी पर उसे हार मिलती है तो बीजेपी का आंकड़ा गिरकर 285 सीटों तक पहुंच जाएगा. अगर ऐसा भी होता है तो बीजेपी आसानी से पूर्ण बहुमत तक पहुंच जाएगी.

कड़े मुकाबले में कांग्रेस जिन 13 सीटों पर आगे चल रही है, अगर वो जीतती है तो कांग्रेस का ग्राफ थोड़ा बढ़ जाएगा, लेकिन अगर कांग्रेस हारती है तो उसकी संख्या 38 तक पहुंच जाएगी, जो 2014 के 44 नंबर से भी नीचे होगी. यानी कांग्रेस अपने इतिहास के सबसे निचले स्तर पर पहुंच जाएगी.

दूसरी तस्वीर- अगर बीजेपी इन सभी 33 सीटों पर भी जीत दर्ज करने में कामयाब रहती है तो वह इतिहास रच देगी और अपने दम 300 का आंकड़ा पार करते हुए 318 सीटों तक पहुंच जाएगी. 1984 के बाद यह पहली बार होगा जब कोई पार्टी अपने दम पर 300 के पार जाएगी.

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