भारतीय मूल के छात्र की हत्या मामले में अमेरिकी व्यक्ति दोषी करार, हो सकती है 20 से 60 साल तक की जेल
अमेरिका में भारतीय मूल के एक छात्र की हत्या मामले में एक व्यक्ति को दोषी करार दिया गया है. मृतक का परिवार न्याय की मांग में चार साल से अथक प्रयास कर रहा था. मीडिया की एक रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गयी है. सदर्न इलिनोइस यूनिवर्सिटी के छात्र प्रवीण वर्गीज वर्ष 2014 में मृत पाया गया था. वह पांच दिन से लापता था. कार्बनडेल में अधिकारियों ने शुरू में इसे त्रासद दुर्घटना बताया था.
‘शिकागो ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के अनुसार उस वक्त वर्गीज की मौत का कारण हाइपोथर्मिया बताया गया था. हाइपोथर्मिया उसे कहा जाता है, जब शरीर का तापमान 97 डिग्री फैरनहाइट से कम हो जाता है. इसे शीताघात भी कहा जाता हैं. सर्दियों के मौसम में जब बाहर का तापमान कम होता और शरीर में गर्मी पैदा नहीं हो पाती है, उस समय ऐसा होता है. शरीर जितनी तेजी से गर्मी पैदा कर सकता है, उससे कहीं ज़्यादा तेजी से वह गर्मी खत्म कर सकता है. ऐसे में लोग हाइपोथर्मिया का शिकार होते हैं, जो उनके लिए जानलेवा हो सकता है.
मोर्टन ग्रोव का रहने वाला 19 वर्षीय छात्र का परिवार इसे मानने का इच्छुक नहीं था. उनके रिश्तेदारों ने जांच का दबाव डाला और शव का स्वतंत्र परीक्षण कराया. स्वतंत्र परीक्षण और स्थानीय पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट में अंतर था. इसी को आधार बनाकर मृतक के परिवार ने कानूनी लड़ाई लड़ी और कार्बनडेल एवं इसके पुलिस प्रमुख के खिलाफ वाद दायर किया.
बृहस्पतिवार (14 जून) को अदालत ने सदर्न इलिनोइस के गेज बेथून को वर्गीज की हत्या का दोषी पाया. घटना के वक्त बेथून की उम्र करीब 19 साल थी. प्रवीण की मां लवली वर्गीज ने कहा, ‘‘आखिरकार प्रवीण के लिये वह दिन आ ही गया. अब उसकी आत्मा को शांति मिलेगी.’’ मामले में अभी बेथून को सजा सुनाया जाना बाकी है. बेथून को 20 से 60 साल की जेल की सजा सुनायी जा सकती है