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बिहार के मुजफ्फरपुर (MuZaffarpur) में ‘चमकी बुखार’ से बच्चों की हो रही मौत को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी (Sushil Modi) से सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया.

नई दिल्ली: 

बिहार के मुजफ्फरपुर (MuZaffarpur) में बच्चों की मौत का सिलसिला अब भी थमता नहीं दिख रहा है. कल भी मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार (Encephalitis) से 5 बच्चों की मौत हो गई थी. इसके साथ ही अब इस बुखार से बच्चों की मौत का आंकड़ा 112 तक पहुंच गया है. वहीं पूरे बिहार में ये आंकड़ा 130 हो गया है. उधर, बिहार के डिप्टी सीएम से जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुजफ्फरपुर में हो रही मौत के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने इसका जवाब देने से इनकार कर दिया. दरअसल, बिहार के उपमुख्यमंत्री बैंकिंग कमिटी को लेकर हो रहे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे सुशील मोदी (Sushil Modi) ने कहा कि अभी वह सिर्फ बैंकिंग से जुड़े सवालों का ही जवाब देंगे.

बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी (Sushil Modi) ने कहा कि मैंने पहले ही आपको बता दिया था कि यह बैंकर समिति की बैठक है और ये प्रेस कॉन्फ्रेंस केवल इसी विषय के लिए आयोजित की गई है. अगर आपके पास इसके अलावा कोई विषय होगा तो अलग से जब प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी तो वहां जवाब दिया जाएगा. आपको अगर इस मामले में कुछ पूछना है तो पूछिये नहीं तो इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को खत्म कीजिए.

इस बीच हालात से निपटने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने डॉक्टरों की 5 टीमें  मुजफ्फरपुर (MuZaffarpur) भेजने के निर्देश दिए हैं. इनमें 5 सीनियर कंसल्टेंट समेत 10 शिशु रोग विशेषज्ञ होंगे. वहीं राम मनोहर लोहिया, सफदरजंग और लेडी हार्डिंग अस्पताल के 5 सहायक चिकित्सक भी मुजफ्फरपुर (MuZaffarpur) भेजे जा रहे हैं..

इससे पहले कल मुज़फ़्फ़रपुर के अस्पताल पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डॉक्टरों की कमी की बात मानी और पटना और दरभंगा के अतिरिक्त डॉक्टरों की टीम भेजने का ऐलान किया था, हालांकि मुख्यमंत्री के दौरे के बाद भी अस्पताल की बदइंतज़ामी बरक़रार है. एक बेड पर 2-3 मरीज़ हैं. अस्पताल का पंखा नहीं चल रहा है, जिससे बीमार बच्चों और परिजनों को काफ़ी परेशानी हो रही है..

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