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ठाकुरगंज के जंगल में दो बच्चों की हैवी रोलर के नीचे दबकर मौत, लोगों ने किया हंगामा व तोड़फोड़

ठाकुरगंज के बरी कला रोड पर पीएम आवास के काम में लगे रोडरोलर ने बुधवार को झोपड़ी के बाहर खेल रहीं दो बच्चियों को रौंद दिया। इनकी मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद रोलर चालक भाग निकला। वहीं, मजदूरों ने हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस ने शव कब्जे में लेने की कोशिश की तो विरोध करने लगे। बाद में उच्चाधिकारियों के आश्वासन पर मामला शांत हुआ।

अपर पुलिस अधीक्षक  नगर (पश्चिम) विकास चंद्र त्रिपाठी के मुताबिक एलडीए बरी कला रोड पर बसंत कुंज योजना में प्रधानमंत्री आवासीय बनवा रहा है। अभी जमीन बराबर करने का काम शुरू हुआ है। इसके लिए छत्तीसगढ़ से मजदूर बुलाए गए हैं, जो साइट पर ही रहते हैं। बुधवार दोपहर तीन बजे झोपड़ी के बाहर छत्तीसगढ़ के कबीरधाम निवासी पुरूषोत्तम की बेटी रचना (4) और बुद्धवारा के हरिप्रताप की बेटी प्रीति (4) हाथ में रोटी लेकर खेल रही थी। इस दौरान अचानक चालक ने रोडरोलर स्टार्ट कर दिया। इसकी चपेट में आकर दोनों की मौत हो गई। यह देख रोलर चला रहा ठेकेदार का रिश्तेदार राहुल भाग निकला।

हादसे की सूचना मिलते ही मजदूरों ने काम बंद कर दिया। मासूमों के शव देख हंगामा शुरू कर दिया। ठेकेदार के रिश्तेदार चालक की तलाश के साथ पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने शव कब्जे में लेने की कोशिश की तो हंगामा बढ़ गया। लोग तत्काल आरोपी को पकड़ने का दबाव बना रहे थे। स्थिति बेकाबू देख प्रभारी निरीक्षक ठाकुरगंज नीरज ओझा ने उच्चाधिकारियों को सूचना दी। कुछ देर में चौक सर्किल के तीनों थानों की पुलिस व बाजारखाला सर्किल की पुलिस पहुंच गई।

गाड़ियों में तोड़फोड़, ईंट-पत्थर चलाए
आक्रोशित लोगों ने मौके पर खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ शुरू कर दिया। साथ ही ईंट-पत्थर चलाने लगे। यह देखकर ठेकेदार के करीबी व साइट पर रखरखाव करने वाले भाग गए। पुलिस के मुताबिक चार गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुई हैं। हालांकि पत्थरबाजी में कोई चोटिल नहीं हुआ। हंगामा दो घंटे तक चला। मामला शांत कराने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान पुलिस व स्थानीय लोगों में कई बार झड़प भी हुई।

अधिकारियों को संभालना पड़ गया मोर्चा
हंगामा खत्म करने के लिए पुलिस शव पोस्टमार्टम के लिए भेजना चाहती थी। लेकिन जितनी बार पुलिस शव की तरफ बढ़ती, लोग बीच में रोक देते। सख्ती पर खींचतान शुरू हुई। इसी बीच कुछ पुलिसकर्मियों ने हाथापाई शुरू कर दी। इससे लोगों का गुस्सा बढ़ गया। मामला बिगड़ने लगा तो पुलिस के उच्चाधिकारियों ने मोर्चा संभाला। अपर पुलिस अधीक्षक नगर (पश्चिम) विकास चंद्र त्रिपाठी व क्षेत्राधिकारी चौक दुर्गा प्रसाद तिवारी ने लोगों को शांत कराने की कोशिश शुरू की। इसी बीच एसीएम द्वितीय राजेश कुमार भी पहुंच गए। तीनों ने उचित मदद का आश्वासन दिया। इसके बाद हंगामा शांत हुआ और शव पोस्टमार्टम को भेजे गए।

पति-पत्नी कर रहे थे मजदूरी, बच्चे थे झोपड़ी में

रोजाना की तरह बुधवार को भी हरिप्रताप पत्नी चंदा के साथ काम पर गया था। झोपड़ी में बेटी प्रीति और बेटा प्रियांशु था। वहीं, पुरुषोत्तम पत्नी रानी के साथ मजदूरी कर रहा था। उसकी झोपड़ी में बेटी रचना और तीन अन्य बच्चे थे। रचना सबसे छोटी थी। वह और प्रीति झोपड़ी के बाहर साथ में खाना खाते वक्त खेल रहे थे। इसी बीच हादसा हो गया।

सिपाही से बना बिल्डर
बरी कला रोड पर प्रधानमंत्री आवासीय योजना का काम प्रताप ट्रेेडिंग कंपनी व प्रताप हाईट्स प्रा. लि. को मिला है। कंपनी का डायरेक्टर वीरेंद्र प्रताप सिंह मूल रूप से गाजीपुर का रहने वाला है। वह सिपाही से बिल्डर बना। राजधानी में तैनाती के दौरान उसने प्रॉपर्टी व भवन निर्माण का काम शुरू कर दिया। पुलिस के मुताबिक देखते-देखते वह एलडीए का बड़ा कांट्रैक्टर बन गया। उसने कई योजनाओं में काम किया है। उसके साथ निजी सुरक्षाकर्मियों की टीम चलती है। प्रभारी निरीक्षक नीरज ओझा के मुताबिक देर शाम तक पीड़ित पक्ष ने तहरीर नहीं दी थी। पुलिस ठेकेदार और आरोपी चालक की तलाश कर रही है।

 

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