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सातवां वेतनमानः बसपा शासन काल के स्मारकों में तैनात कर्मचारियों के अब अच्छे दिन

बसपा काल के स्मारकों और पार्कों में तैनात 5300 कर्मचारियों को अब सातवां वेतनमान मिलेगा। जनवरी 2016 में लागू की गईं वेतन आयोग की सिफारिशों से अब स्मारक कर्मचारी वंचित नहीं रहेंगे। स्मारक संरक्षण समिति की बोर्ड बैठक में सोमवार को इस आशय का प्रस्ताव पास हो गया। स्मारक कर्मचारियों की नियुक्ति अस्थायी है मगर उनको वेतन बढ़ोतरी के लाभ समय-समय पर दिए जाते हैं। इसके बावजूद सातवें वेतनमान की सिफारिशों का लाभ लगभग एक साल बाद भी कर्मियों को मिलना शुरू नहीं हुआ था।

अब समिति की पिछली बोर्ड मीटिंग में कर्मचारियों को नये वेतनमान का लाभ देने का प्रस्ताव रखा गया, मगर तब शासन ने कहा कि पहले बायोमीट्रिक के जरिये सभी कर्मचारियों की उपस्थिति का सिस्टम बनाया जाए, उसके बाद ये प्रस्ताव लाया जाए। इस पर पिछले दो महीने में बायोमीट्रिक मशीनें स्मारकों में लगाई गईं। साथ ही सभी कर्मचारियों की बायोमीट्रिक हाजिरी सुनिश्चित होने की रिपोर्ट शासन के समक्ष रखी गई। इसी क्रम में स्मारक संरक्षण समिति की बोर्ड मीटिंग प्रमुख सचिव आवास की अध्यक्षता में सोमवार को हुई। इसमें प्राधिकरण की ओर से एलडीए वीसी और समिति के पदेन सचिव प्रभु एन सिंह मौजूद रहे। बैठक में सातवें वेतनमान का अहम मुद्दा था, जिस पर मुहर लगा दी गई है।

कर्मचारियों के वेतन में इससे अच्छी बढ़ोतरी होगी। साथ ही जनवरी 2016 से अब तक का एरियर का भुगतान भी होगा। ये पत्रावली अब वित्त विभाग में जाएगी। इसके अलावा नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) की राशि का जो भुगतान स्मारक संरक्षण समिति से किया जाना था, वह अब शासन ही करेगा। साथ ही दिव्यांग भत्ता करीब 100 कर्मचारियों को दिए जाने के संबंध में भी शासन ने प्रस्ताव मांगा है।

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