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राजस्थानः हाई कोर्ट ने जारी किया नोटिस, जजों को न कहें ‘माई लॉर्ड’, ‘योर लॉर्डशिप’

राजस्थान हाई कोर्ट ने अदालतों में जजों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ‘माई लॉर्ड’ और ‘योर लॉर्डशिप’ जैसे संबोधनों पर रोक लगाने की सलाह दी है। कोर्ट ने संविधान प्रदत्त समानता के अधिकार का हवाला देत हुए कहा है कि वकीलों और कोर्ट के सामने पेश होने वाले लोगों को ऐसे संबोधनों का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए। फुल कोर्ट की 14 जुलाई को हुई मीटिंग में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया।

हाई कोर्ट ने जारी की नोटिस
हाई कोर्ट ने एक नोटिस जारी कर इसकी जानकारी दी है। सोमवार को जारी नोटिस में राजस्थान हाई कोर्ट ने कहा कि संविधान में वर्णित समानता के अधिकार का सम्मान करते हुए कोर्ट वकीलों और अदालत के सामने पेश होने वाले लोगों से यह आग्रह करती है कि वे माननीय न्यायाधीशों को ‘माई लॉर्ड’ और ‘योर लॉर्डशिप’ जैसे संबोधनों से अड्रेस करना बंद कर दें।

सुप्रीम कोर्ट भी कर चुका है टिप्पणी
गौरतलब है कि देश में यह पहला ऐसा मौका है जब किसी कोर्ट ने जजों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ऐसे संबोधनों को खत्म करने का फैसला किया है। हालांकि, इससे पहले भी साल 2014 में एचएल दत्तू और जस्टिस एसए बोबडे की पीठ ने जजों के लिए ऐसे संबोधनों के इस्तेमाल की अनिवार्यता से इनकार किया था और कहा था कि उन्हें केवल सम्मानित तरीके से संबोधित किया जाना चाहिए।

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