कानपुर: जलकल ऑडीटर रिश्वत लेते गिरफ्तार
एंटी करप्शन टीम ने मंगलवार शाम जलकल के ऑडीटर शिवकुमार को सेवानिवृत कर्मचारी से बकाया एरियर जारी करने के नाम पर 25 फीसद कमीशन लेते वक्त रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। स्वरूप नगर थाने में मुकदमा दर्ज करा मामले की पड़ताल की जा रही है।
लालमणि जलकल विभाग में बेलदार के पद से जुलाई 2016 में सेवानिवृत हुए थे। फंड का पैसा मिला, लेकिन पेंशन मिलनी शुरू नहीं हुई। न्यायालय की शरण ली। पेंशन व बकाया एरियर जारी करने के आदेश हुए। इसके बाद अप्रैल 2018 से पेंशन मिलनी शुरू हुई, लेकिन पेंशन के बकाया (एरियर) 3.50 लाख रुपये नहीं मिले। अधिकारियों से शिकायत की तो उन्होंने अधीनस्थों को निर्देश दे दिए, लेकिन ऑडीटर बाबू शिवकुमार फाइल आगे नहीं बढ़ा रहा था। रिश्वत में एरियर की 25 फीसद रकम मांगने पर एक माह पूर्व बतौर पेशगी 25 हजार रुपये दिए भी, लेकिन फाइल आगे नहीं बढ़ी। चार दिन पूर्व आए तो उसने कह दिया कि पूरी रकम दिए बिना काम नहीं होगा। तब लालमणि ने एंटी करप्शन में शिकायत की। टीम के कहे अनुसार मंगलवार शाम फिनाफ्थेलीन लगी 15 हजार रुपये रकम शिवकुमार को दी। जैसे ही वह नोट गिनने लगा, टीम ने उसे पकड़ लिया। मौके से एक व्यक्ति भाग निकला जिसकी तलाश हो रही है। पीड़ित का आरोप है कि उनके परिचित से भी आरोपित ने मृतक आश्रित में नौकरी लगवाने के नाम पर एक लाख रुपये लिए थे।
सुबह टरकाया, शाम शागिर्द को भेजा
टीम के सदस्यों ने बताया कि शिवकुमार को पकड़ने के लिए वह सुबह भी आए थे। तब लालमणि के पास केवल 10 हजार रुपये थे, जिन्हें लेने से शिवकुमार ने इंकार कर दिया। कहा कि पूरे 15 हजार रुपये लेकर आओ। जैसे-तैसे और पांच हजार रुपये की व्यवस्था कर शाम चार बजे लालमणि ऑडीटर को देने पहुंचे तो उसने अपने शागिर्द को भेज दिया। लालमणि ने कहा कि वह किसी और को नहीं जानते। तब वह खुद रकम लेने आया।
पानी में डालते ही गुलाबी हो गए हाथ
पकड़े जाने के बाद टीम ने आरोपित से नोट लेकर उसके हाथ पानी में डलवाए तो तुरंत गुलाबी हो गए। इसके बाद टीम शिवकुमार को पकड़कर थाने ले आई। एंटी करप्शन इंस्पेक्टर ने आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।
टीम में ये रहे शामिल
एंटी करप्शन टीम में जिला प्रभारी इंस्पेक्टर शंभूनाथ तिवारी, इंस्पेक्टर बृजेंद्र स्वरूप दोहरे, उपनिरीक्षक लालता प्रसाद, हेड कांस्टेबिल श्याम, मधुर श्रीवास्तव और दो सिपाही अभिषेक व राकेश शामिल रहे।