नमामि गंगे के तहत सर्वे ऑफ इंडिया 1525 किलोमीटर लंबी गंगा नदी का नक्शा तैयार करेगा। यह मैपिंग गंगा नदी के उद्गम स्थल गोमुख से लेकर गंगासागर तक की जाएगी। सर्वे ऑफ इंडिया इस पर जल्द काम शुरू कर देगा और उसके 15 माह के भीतर नक्शा तैयार कर लिया जाएगा।
देश में पहली बार सुनियोजित तरीके से खास प्रयोजन के लिए गंगा नदी का नक्शा तैयार किया जा रहा है। इस काम को सर्वे ऑफ इंडिया की ज्योडीय एवं अनुसंधान शाखा अंजाम देगी। परियोजना पर कुल 88 करोड़ रुपये का बजट खर्च किया जाएगा।
सर्वेयर जनरल ऑफ इंडिया गिरीश कुमार ने बताया कि गंगा नदी का नक्शा 1: 4000 स्केल पर तैयार किया जा रहा है। इसका मतलब यह हुआ कि धरातल पर जो हिस्सा 40 मीटर का होगा, नक्शे में इसे एक सेंटीमीटर भाग पर कवर किया जाएगा।
ऊंचाई में 0.5 मीटर से अधिक का अंतर नहीं
सर्वे के जिस क्षेत्र की समुद्र तल से जो ऊंचाई होगी, उसमें नक्शे में 0.5 मीटर से अधिक का अंतर नहीं रखा जाएगा। कहा जा सकता है कि गंगा नदी का नक्शा पूरी तरह सटीक होगा।
एरियल फोटोग्राफी से तैयार होगा नक्शा
सर्वेयर जनरल गिरीश कुमार के मुताबिक 10 हजार स्केल तक के नक्शे बनाने के लिए सेटेलाइट का प्रयोग किया जाता है। जबकि चार हजार स्केल तक के नक्शे एरियल (हवाई) फोटोग्राफी से तैयार किए जाते हैं। इस तकनीक में हवाई जहाज के नीचे विशेष तरह का कैमरा लगाया जाता है। इससे तैयार नक्शे अधिक बेहतर होते हैं।
गंगा के सर्वे क्षेत्र की स्थिति
कुल लंबाइ- 1525 किलोमीटर
दायरे में आने वाले राज्य- उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल।
दायरे में आने वाले गांवों की संख्या- कम से कम 1649
कुल कवर आबादी- प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से 43 फीसद