23 साल से कर रहीं बेजुबानों की देखभाल, स्ट्रीट डॉग्स को मानती हैं समाज का हिस्सा
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रहने वाली कुसुम सिंह पिछले 23 साल से स्ट्रीट डॉग्स की देखभाल करती आ रही हैं। कहीं पर भी कोई घायल स्ट्रीट डॉग मिल जाए तो तुरंत उसका इलाज कराती हैं और अगर इलाज में देरी हो रही हो तो घर ले जाकर देखभाल करती हैं। वह अब तक करीब 1200 स्ट्रीट डॉग्स की नसबंदी करवा चुकी हैं और 500 से अधिक का इलाज। उनका मानना है कि स्ट्रीट डॉग्स भी हमारे समाज का हिस्सा हैं। ऐसे में लोगों को उनकी बेहतरी के लिए भी आगे आना चाहिए। र प्रदेश के लखनऊ में रहने वाली कुसुम सिंह पिछले 23 साल से स्ट्रीट डॉग्स की देखभाल में जुटी हैं। कहीं कोई घायल स्ट्रीट डॉग मिल जाए तो तुरंत इलाज का इंतजाम करती हैं और अगर इलाज में देरी हो रही हो तो घर ले जाकर देखभाल करती हैं। वह अब तक करीब 1200 स्ट्रीट डॉग्स की नसबंदी करवा चुकी हैं और 500 से अधिक का इलाज। उनका मानना है कि स्ट्रीट डॉग्स भी हमारे समाज का हिस्सा हैं। ऐसे में लोगों को उनकी बेहतरी के लिए भी आगे आना चाहिए।
विक्रांत खंड में रहने वाली कुसुम को शुरू से बेजुबानों से लगाव रहा है। उन्होंने बचपन में डॉगी भी पाल रखा था। वह बताती हैं कि जनवरी, 1996 की एक सुबह वह मॉर्निंग वॉक पर निकलीं। घर से कुछ दूर एक जख्मी कुत्ते को देखा। वह घायल था और ठंड से कांप भी रहा था। उन्होंने अपने एक परिचित की मदद से उसे अस्पताल पहुंचाया। इस घटना के बाद उन्होंने बेजुबानों की सेवा करने की ठान ली और तब से इस काम में लग गयी हैं। वह जब भी किसी स्ट्रीट डॉग को बीमार या घायल देखती हैं तो तुरंत फोन कर प्राणिलोक अस्पताल भेजती हैं और नगर निगम की गाड़ी आने तक उसकी देखभाल करती हैं।
बच्चे करते हैं मदद:
कुसुम के पति विजय सिंह आर्मी से रिटायर्ड हैं। उन्होंने शुरुआत में बहुत ऐतराज जताया, लेकिन कुसुम ने स्ट्रीट डॉग्स की देखभाल करना नहीं छोड़ा। उनका यह जज्बा देख पति ने भी टोकना छोड़ दिया। कुसुम के दो बच्चे हैं। बेटी की शादी हो चुकी है, जबकि बेटा मुंबई में प्राइवेट सेक्टर में काम करता है। कुसुम बताती हैं कि स्ट्रीट डॉग्स की देखभाल में आने वाले खर्च के लिए दोनों बच्चे मदद करते हैं।
घूम-घूम कर स्ट्रीट डॉग्स की देखभाल :
कुसुम कॉलोनियों में घूम-घूम कर स्ट्रीट डॉग्स की देखभाल करती हैं। इस दौरान कोई बीमार स्ट्रीट डॉग मिल जाए तो उसे बिस्किट में दवा मिलाकर देती हैं। वह ऐसा सिर्फ एक बार नहीं करती, बल्कि स्ट्रीट डॉग के ठीक होने तक उन्हें बार-बार दवाएं देती रहती हैं। इसके अलावा गलियों में पैदा होने वाले नवजात स्ट्रीट डॉग्स को घर लाकर उनकी देखभाल करती हैं। उनकी देखभाल के लिए वह कहीं बाहर घूमने तक नहीं जातीं। दिनभर उन्ही के साथ रहती है |