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योगी सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार ऐन वक्त पर स्थगित कर दिया गया, भाजपा ने मंत्रियों व विधायकों को बुला लिया था लखनऊ

योगी सरकार का बहुप्रतीक्षित पहला मंत्रिमंडल विस्तार ऐन वक्त पर फिर स्थगित कर दिया गया है। हालांकि स्थगित करने की वजह साफ नहीं हो पाई है, लेकिन माना जा रहा है कि पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली की हालत नाजुक होने की वजह से यह फैसला लिया गया है। देर रात अपर मुख्य सचिव सूचना अवनीश अवस्थी ने बताया कि सोमवार को मंत्रिमंडल विस्तार का कोई कार्यक्रम नहीं हुआ है।

 

इससे पूर्व रविवार को छुट्टी के बावजूद अफसरों को राजभवन बुला लिया गया था। भाजपा ने अपने मंत्रियों व विधायकों को लखनऊ बुला लिया था। सोमवार को सुबह 11 बजे मंत्रिमंडल का विस्तार प्रस्तावित था, मगर रात करीब आठ बजे इसे स्थगित कर दिया गया। अधिकारियों को यह कहते हुए वापस भेज दिया गया कि फिलहाल आप लोग जाइए। जब जरूरत होगी आपको  बुला लिया जाएगा।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने रविवार को मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया। उनके पास परिवहन विभाग था। प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से ही उनका इस्तीफा देना तय माना जा रहा था। उन्होंने रविवार सुबह सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के दौरान त्यागपत्र दे  दिया। इसके बाद मंत्रिमंडल में सदस्यों की संख्या 42 रह गई है। मंत्रिमंडल में अब 18 स्थान खाली हो गए हैं।

मंत्रिमंडल विस्तार टलने के बावजूद संगठन और सरकार के स्तर से तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। अच्छा काम करने वाले कुछ स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्रियों को तरक्की देकर कैबिनेट मंत्री बनाने का फैसला किया गया है तो सवालों में घिरे करीब आधा दर्जन कैबिनेट व राज्यमंत्रियों की विदाई तय है। इनके स्थान पर 10-12 नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दिए जाने के संकेत हैं।

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