दुष्कर्म पीड़िता की पहचान उजागर करने और सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने के मामले में स्थानीय कोर्ट ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सभी सात आरोपी नेताओं को जमानत दे दी है. गया कोर्ट में आत्मसमर्पण करने के बाद एसीजेएम-4 संजय कुमार की कोर्ट ने सभी को जमानत दी.
गया के मेडिकल कॉलेज में मुलाकात के दौरान गैंगरेप पीड़िता की पहचान उजागर करने और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के मामले में मगध मेडिकल थाना में पुलिस ने केस दर्ज किया था. इस मामले में पूर्व मंत्री आलोक कुमार मेहता, बेलागंज विधायक सुरेंद्र यादव समेत सात लोगों को आरोपी बनाया गया था.
बुधवार को सभी आरोपियों को इस मामले में राहत मिली. आरजेडी के वकील रजनीश कुमार ने बताया कि मगध मेडिकल थाना में कांड संख्या 140/18 में थाना प्रभारी के रिपोर्ट पर सात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज हुई थी. आरोप यह लगाया गया था कि गैंगरेप पीड़िता का मेडिकल स्टेटमेंट हो रहा था और ये लोग पहुंचे थे. इसके बाद लड़की से बयान लेना चाह रहे थे.
ज्ञात हो कि बीते दिनों बिहार स्थित गया में रोंगटे खड़े कर देनेवाली शर्मनाक घटना सामने आयी है. एक पति को बंधक बनाकर उसके सामने ही पत्नी और बेटी के साथ गैंगरेप को अंजाम दिया गया था. यही नहीं, उनके साथ लूटपाट भी की गई. बेखौफ अपराधियों की इस हरकत के बाद जहां पुलिस हरकत में आकर 10 लोगों को गिरफ्तार किया. वहीं, इलाके के थाना अध्यक्ष को निलंबित कर दिया गया है