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राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह 5 सितंबर को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेंगे.

राजस्थान के राज्यपाल  कल्याण सिंह 5 सितंबर को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेंगे. लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और स्वतंत्र देव सिंह, उन्हें पार्टी कार्यालय लाएंगे और फिर से उन्हें भाजपा की सदस्यता दिलाएंगे.

आपको बता दें कि  राजस्थान के पांच दशक के इतिहास में कल्याण सिंह ही एक  ऐसे राज्यपाल हैं, जिन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया है. कल्याण सिंह ने 4 सितंबर, 2014 को राजस्थान के राज्यपाल पद की शपथ ली थी और 3 सितंबर को उनका 5 साल का कार्यकाल पूरा होगा.

कल्याण सिंह राज्यपाल के रूप में अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद एक बार फिर बीजेपी में वापसी करने जा रहे हैं.  राज्यपाल के पद से हटने के बाद कल्याण सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. उन्हें बाबरी केस में मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है.  कल्याण सिंह को बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आपराधिक साजिश के आरोपों में मुकदमे का सामना भी  करना पड़ सकता है. राज्यपाल के रूप में संवैधानिक पद पर होने की वजह से उनके खिलाफ मुकदमा नहीं चल सकता था लेकिन उनका कार्यकाल अब खत्म होने के बाद यह छूट भी खत्म हो जाएगी.

राम  मंदिर के लिए सबसे बड़ी कुर्बानी देने वाले  नेता कल्याण सिंह  बीजेपी के इकलौते नेता थे, जिन्होंने  6 दिसंबर 1992 में अयोध्या में बाबरी विध्वंस के बाद अपनी सत्ता को बलि चढ़ा दिया था.उन्होंने  राम मंदिर के लिए सत्ता ही नहीं गंवाई, बल्कि इस मामले में सजा पाने वाले वे एकमात्र शख्स भी हैं.

कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था. वो संघ की गोद में पले बढ़े. बीजेपी के कद्दावर नेता कहे जाने वाले कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश में बीजेपी के जाने माने चेहरा माने जाते थे. उनकी पहचान कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी और प्रखर वक्ता की थी.

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