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बढ़ सकती है GST की दर, रेवेन्यू की धीमी रफ्तार से चिंतित है सरकार.

जीएसटी की दरों के पुनर्गठन पर विचार ने ऐसे समय में जोर पकड़ा है, जब जीएसटी से मिलने वाला रेवेन्यू अपेक्षित रफ्तार से नहीं बढ़ पा रहा है। यहां तक कि केंद्र के लिए कंपनसेशन फंड से राज्यों के रेवेन्यू में कमी की क्षतिपूर्ति करना भी मुश्किल हो रहा है!

समिति में तमिलनाडु, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और पंजाब के एसजीएसटी कमिश्नर को सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है। इनके अलावा जीएसटी काउंसिल में संयुक्त सचिव और जीएसटीएन के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट को भी समिति का सदस्य बनाया गया है।

वित्त पर संसद की स्थायी समिति ने रेवेन्यू के लक्ष्य के मुकाबले जीएसटी कलेक्शन धीमा रहने पर चिंता जताई है। मंगलवार को लोकसभा में प्रस्तुत समिति की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है!

चालू वित्त वर्ष के दौरान अप्रत्यक्ष कर संग्रह की स्थिति तो खराब है ही, लेकिन प्रत्यक्ष कर संग्रह की स्थिति भी बहुत उत्साहजनक नहीं है। वित्त वर्ष 2019-20 के पहले आठ महीनों के दौरान प्रत्यक्ष कर संग्रह में महज 1.6 फीसद की बढ़ोतरी हुई है।

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