धर्म/अध्यात्म

आइये जानते है कैसे देख सकते है जन्मकुंडली,जाने सही तरीका क्या है ?

जन्म कुंडली के माध्यम से व्यक्ति के भविष्य, भूत और वर्तमान को जाना जा सकता है। इसलिए अपने बारे में जानने के लिए लोग अपनी कुंडली को लेकर किसी ज्योतिषी के पास जाते हैं। परन्तु आज हम आपको कुंडली देखने का आसान तरीका बता रहे हैं,

जन्मकुंडली वह पत्री है जिसमें आपके जन्म के समय आकाश मंडल में जो ग्रह, नक्षत्र व राशियों की स्थिति है, उन्हे दर्शाया जाता है। कुंडली में बारह खाने होते हैं और इन खानों में राशियां और ग्रह बैठे होते हैं जिनके माध्यम से व्यक्ति के भाग्य की गणना की जाती है।

जन्म कुंडली में राशियां :- भाव में राशियां बैठी होती हैं, एक भाव में एक राशि होती है। मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ, मीन। इन प्रत्येक राशियों का अपना स्वभाव, चरित्र होता है। पहले खाने में व्यक्ति जो राशि होती है उसे लग्न राशि कहते हैं। जबकि जिस राशि में चंद्रमा बैठा हो उसे चंद्र और जिसमें सूर्य बैठा हो उसे सूर्य राशि कहते हैं।

जन्मपत्रिका में ग्रह :- आपकी कुंडली के भाव में ग्रह बैठे होते हैं। जन्मपत्री के किसी भाव में एक, या दो अथवा इससे अधिक ग्रह बैठे हो सकते हैं। ग्रह के योग को युति कहते हैं। इन ग्रहों का आपस में संबंध है। ये संबंध शत्रुता, मित्रता और सम भाव का होता है। ज्योतिष में इन ग्रहों की संख्या नौ है। सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु। इन ग्रहों का अपना-अपना स्वभाव होता है। इनमें चंद्र, बृहस्पति और शुक्र सौम्य ग्रह हैं। वहीं सूर्य, मंगल, शनि और राहु-केतु क्रूर ग्रहों की श्रेणी में आते हैं।

 

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