अमित शाह और महबूबा मुफ़्ती की जुबानी जंग है जारी !
हाल ही में पीडीपी से नाता तोड़ने वालो बीजेपी के भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और पीडीपी प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के बीच जुबानी जंग जारी है. मुफ़्ती ने कहा कि सभी फैसले में भाजपा साथ रही है, जम्मू और लद्दाख के साथ भेदभाव का आरोप सही नहीं है. शाह के आरोपों पर महबूबा मुफ्ती ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर जवाब दिया. होने लिखा कि आरोपों के भेदभाव निराधार हैं. भाजपा के मंत्री तीन साल तक क्या करते रहे, जबकि वह जम्मू का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. उन्हें भाजपा के मंत्रियों के परफार्मेंस की समीक्षा करनी चाहिए. अगर भेदभाव हो रहा था तो केंद्र या राज्य स्तर के नेताओं ने तीन साल तक यह मुद्दा क्यों नहीं उठाया. मुफ्ती ने लिखा कि हमारे पूर्व सहयोगियों ने हम पर गलत आरोप लगाए हैं। हमने बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की ओर से बनाए गए एजेंडा ऑफ अलायंस के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को कभी भी टूटने नहीं दिया. अनुच्छेद 370 पर यथास्थिति बनाए रखना तथा पाकिस्तान व हुर्रियत से बातचीत एजेंडा ऑफ अलायंस का हिस्सा था. धरातल पर विश्वास बहाली के लिए बातचीत के लिए लगातार दबाव बनाना, पत्थरबाजों से मुकदमा हटाना तथा रमजान के दौरान सीजफायर समय की जरूरत थी. इसे भाजपा ने स्वीकार किया.
यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि इसके बाद भी उन्होंने अपनी जिम्मेदारी लेने से इनकार करते हुए हम पर ऐसे आरोप लगाए. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की ओर से जम्मू और लद्दाख क्षेत्र के साथ भेदभाव किए जाने के आरोपों पर महबूबा मुफ्ती ने पलटवार करते हुए कहा कि भेदभाव के आरोप बिल्कुल निराधार हैं. 2014 के बाढ़ तथा अन्य कारणों से घाटी पर ध्यान देना जरूरी था.
उन्होंने कहा कि रसाना कांड को सीबीआई को न सौंपने, कठुआ रेप मामले के समर्थक मंत्रियों को हटाने और गुज्जर बक्करवालों को अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान न हटाने का आदेश मुख्यमंत्री के नाते उनकी जिम्मेदारी थी. यह इन दोनों समुदायों में सुरक्षा का भाव पैदा करने के लिए जरूरी था. कठुआ केस में दंडित होने के बाद भी उनके विधायक शुजात बुखारी हत्या मामले में पत्रकारों को धमकी दे रहे हैं तो आखिर भाजपा उनके साथ क्या करने जा रही है.