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तिहाड़ जेल से रिहा हुए भीम आर्मी चीफ चंद्र शेखर बोले हमारा आंदोलन संवैधानिक रूप से रहेगा जारी जब तक CAA वापस नहीं लिया जाता

दरियागंज हिंसा मामले में भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया. उन्हें बुधवार को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने जमानत दी थी. जमानत मिलने के अगले दिन उन्हें रिहा किया गया है वही उन्होंने शुक्रवार को दोपहर एक बजे जामा मस्जिद जाने की घोषणा की है. साथ ही साथ उन्होंने रविदास मंदिर, गुरुद्वारा और चर्च जाने की भी घोषणा की है. जबकि कोर्ट ने इस शर्त पर उन्हें जमानत दी है कि वे अगले 4 सप्ताह तक दिल्ली में नहीं रहेंगे. जमानत देते समय कोर्ट ने यह भी कहा था कि शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन करना नागरिकों का मौलिक अधिकार है. सरकार नागरिकों को उनके मौलिक अधिकार से वंचित नहीं कर सकती.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने बुधवार को कहा था कि, ‘1900 की शुरुआत में जब अंग्रेज ‘फूट डालो, राज करो’ की नीति को देश में लागू कर रहे थे तब टैगोर ने ऐसे राष्ट्र की कल्पना की, जहां लोगों के मन में कोई डर न हो, सभी को शिक्षा मिले और भेदभाव की दीवारें ना बनाई जाएं’. उन्होंने यह भी कहा था कि शांतिपूर्ण विरोध करते हुए नागरिकों का यह कर्तव्य है कि वे यह सुनिश्चित करें कि किसी दूसरे के अधिकार का हनन न हो और किसी को कोई असुविधा न हो.

उन्होंने कहा था कि टैगोर आज सबसे अधिक प्रासंगिक हैं.कोर्ट ने चंद्रशेखर को सशर्त जमानत दी है. शर्त यह है कि, चंद्रशेखर अगले 4 सप्ताह तक दिल्ली में नहीं रहेंगे. दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से दिल्ली चुनाव में कोई दखल न हो, इसलिए चंद्रशेखर को ये निर्देश दिए गए हैं. कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मामले में जब तक चार्जशीट दायर नहीं हो जाती, चंद्रशेखर सहारनपुर में हर शनिवार को एसएचओ के सामने अपनी हाजरी देंगे.

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