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ब्रह्मोस से लैस सुखोई आज से करेंगे हिंद महासागर की निगरानी

हिंद महासागर में चीन व पाकिस्तान की चाल को मात देने के लिए भारतीय वायुसेना ने अचूक हथियारों को तैनाती बढ़ा दी है। इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते दखल को रोकने के लिए तमिलनाडु के तंजावुर में ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस सुखोई लड़ाकू विमानों के पहले स्क्वॉड्रन को आज आधिकारिक रूप से तैनात कर दिया गया है।सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस से लैस सुखोई 30 एमकेआई विमानों के पहले स्क्वॉड्रन की तैनाती के दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और वायुसेना प्रमुख राकेश कुमार सिंह भदौरिया उपस्थित रहे।

इस अवसर पर वायुसेना की सारंग टीम ने कई करतब दिखलाए। इस मिसाइल को विमान में फिट करने के लिए कई बदलाव भी किए गए हैं।बता दें कि ब्रह्मोस दुनिया की पहली ऐसी मिसाइल है जो धरती आकाश और जमीन से दागा जा सकता है। ऐसी मिसाइल अमेरिका और चीन के पास भी नहीं है। हाल के दिनों में हिंद महासागर में चीनी जहाजों की गतिविधियां बहुत बढ़ गई हैं। जिनपर अब आकाश से भारत के सुखोई विमान नजर रखेंगे वर्तमान में भारत और रूस इस मिसाइल की मारक दूरी बढ़ाने के साथ इसे हाइपरसोनिक गति पर उड़ाने पर भी काम कर रहे हैं।

आने वाले दिनों में भारत और रूस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की रेंज को 290 किलोमीटर से बढ़ाकर 600 किलोमीटर करने की दिशा में काम करेंगे। इससे न केवल पूरा पाकिस्तान इस मिसाइल की जद में होगा बल्कि कोई भी टारगेट पलभर में इस मिसाइल से तबाह किया जा सकेगा।

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