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Nirbhaya Case: मुकेश की फांसी पर लगी फाइनल मुहर , राष्ट्रपति के फैसले में दखल से इनकार की सुप्रीम कोर्ट

निर्भया गैंगरेप केस में दोषी मुकेश कुमार की फांसी पर आखिर आज फाइनल मुहर लग गई है. सुप्रीम कोर्ट ने मुकेश की उस याचिका पर अपना आदेश सुना दिया है, जिसमें उसने राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका को खारिज किये जाने को चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति के फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया है. यानी अब मुकेश के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो गए हैं.

याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘’हमने सरकार की तरफ से दी गई दो फ़ाइल देखी. सभी कोर्ट के जजमेंट और रिकॉर्ड राष्ट्रपति को सौंपे गए थे. राष्ट्रपति ने सभी जरूरी दस्तावेज देखकर फैसला लिया है, इसलिए कोर्ट की दखल की ज़रूरत नहीं है.’’ बेंच ने कहा, ‘’राष्ट्रपति का पद बहुत बड़ा और ज़िम्मेदारी का है. हम मानते हैं कि उन्होंने सोच विचार कर फैसला लिया है.’’

नए डेथ वारंट के तहत फरवरी को होनी है फांसी

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 17 जनवरी को मुकेश की दया याचिका को खारिज कर दिया था. मामले के चारों दोषियों को एक फरवरी को फांसी दी जानी है. बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने 17 जनवरी को निर्भया केस के चारों दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी किया था. इसके तहत 1 फरवरी को सुबह छह बजे निर्भया केस के चारों दोषियों को फांसी दी जाएगी. इससे पहले जो डेथ वारंट जारी हुआ था उसके मुताबिक चारों दोषियों को 22 जनवरी को फांसी होनी थी.

साल 2012 की घटना

16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में छह लोगों ने चलती बस में निर्भया के साथ गैंगरेप किया. उसके बाद उसे और उसके दोस्त को मरा समझकर फेंक दिया. बाद में पुलिस निर्भया को अस्पताल लेकर पहुंची. हालत बिगड़ने के बाद उसे इलाज के लिए सिंगापुर भेजा गया. 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के अस्पताल में निर्भया की इलाज के दौरान मौत हो गई. 13 सितंबर 2013 को निचली अदालत ने चारों दोषियों पवन गुप्ता, विनय शर्मा, मुकेश और अक्षय सिंह को मौत की सजा सुनाई थी.

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