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लीक से हटकर इम्तियाज ने गढ़े नायिकाओं के किरदार, लव स्टोरी के यूं बदल दिए समीकरण

भारतीय फिल्मों में अभिनेता तो हमेशा से ही खास रहे हैं लेकिन इम्तियाज की फिल्मों की नायिकाएं भी काफी मजबूत, आजाद और आधुनिक विचारों की पैरवी करती हैं।

इम्तियाज अली, 21वीं शताब्दी का वह फिल्मकार जिसने दशकों पहले ही अपनी फिल्मों में महिला सशक्तिकरण की असल तस्वीर पेश की। ‘जब वी मेट’  से लेकर ‘लव आज कल’ जैसी फिल्मों के जरिए इम्तियाज ने मोहब्बत को फिल्माने के नजरिए में बदलाव लाया। अक्सर फिल्में लोगों को रोमांस करने का तरीका सीखाती हैं। लेकिन इम्तियाज ने अपनी फिल्मों से लोगों का ज्ञान नहीं दिया बल्कि समाज में पनपने वाले प्यार के बीज को अपने किरदारों में पिरोया। भारतीय फिल्मों में अभिनेता तो हमेशा से ही खास रहे हैं लेकिन इम्तियाज की फिल्मों की नायिकाएं भी काफी मजबूत, आजाद और आधुनिक विचारों की पैरवी करती हैं। उनकी नायिकाएं इतनी मजबूत होती हैं कि उनसे नायक प्रभावित होते नजर आते हैं। इम्तियाज ने अपनी फिल्मों के जरिए यह बताया कि सिर्फ महिलाओं को उनके सामाजिक हक और इंसाफ मुहैया कराने से काम नहीं चलेगा बल्कि उनके अरमानों को भी अपने बीच जगह देनी होगी। आज हम आपको इम्तियाज की फिल्मों की ऐसी ही कुछ नायिकाओं से रूबरू करवाने जा रहे हैं जिनके किरदार आम फिल्मों से इतर और सामाजिक ताने-बाने को छेड़ते हैं।

करीना कपूर (जब वी मेट)
इस फिल्म का एक ट्रेन सीन है जिसमें गीत (करीना कपूर) भागते हुए ट्रेन में चढ़ती हैं। यह सीन ही इस फिल्म में करीना के किरदार के अनोखेपन को बयां करने के लिए काफी है। कदम-कदम पर दुनिया के नियम कानून को चुनौती देती वह एक तेज-तर्रार और बेबाक लड़की है। समाजिक ताने-बाने में मुश्किल से ही फीट बैठती है, जानती है कि लड़की होने के नफा-नुकसान क्या हैं।  खुद की जिंदगी में तमाम दिक्कतें हैं, बावजूद इसके मजे से दूजों की जिंदगी में रुचि लेती है। दूसरों से धोखे भी खाती है, टूट जाती है लेकिन स्वाभिमान टस से मस नहीं होता है। साल 2005 में करीना द्वारा निभाया यह किरदार आज भी नए कलाकारों और दर्शकों के लिए एक आदर्श है। निर्देशन और अभिनय के अलावा इस फिल्म में नायिका की ऐसी शख्सियत गढ़ना और लोगों द्वारा इसे सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलना हिंदी सिनेमा के बदलते स्वरूप के लिए बहुत ही जरूरी था।

दीपिका पादुकोण (लव आज कल,कॉकटेल, तमाशा,)
इम्तियाज के साथ सबसे अधिक दफा किसी अभिनेत्री ने काम किया है तो वह दीपिका पादुकोण हैं। इम्तियाज खुद जाहिर कर चुके हैं कि जब दीपिका ने फिल्मों में काम करना शुरू भी नहीं किया था तब से वह उनके साथ काम करने की इच्छा रखते थे। इम्तियाज की फिल्मों में दीपिका का स्वरूप पर्दे पर निभाने और फिल्माने, दोनों ही लिहाज से चुनौतीपूर्ण था। ‘लव आज कल’ की मीरा पंडित, ‘कॉकटेल’ की वेरोनिका और ‘तमाशा’ की तारा सिंह के जरिए इम्तियाज ने यह साफ कर दिया था कि उनसे जुड़ी प्रत्येक फिल्म में उनकी महिलाएं अपनी शर्त पर जिंदगी जीने वाली महिला के तौर पर नजर आएंगी। उन्हें किसी जोर-जबरदस्ती से नहीं बल्कि सिर्फ प्यार से ही जीता जा सकता है। इम्तियाज की फिल्मों में दीपिका ने जी भर के प्यार किया। इस दौरान वह कभी टूटती तो कभी संभलती हुईं नजर आईं। जरूरत पड़ने पर वह नायकों को प्रोत्साहित करती हुईं भी नजर आईं। इन किरदारों की खूबसूरती यह भी रही कि इन्हें उन्हीं ख्यालातों की महिलाओं के नजरिए से पिरोया गया था।

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