एक महिला ने अपने मौसेरे भाई एवं सहेलियों की मदद से पति की हत्या कर दी। इसके पीछे की वजह बेहद शर्मनाक है।
पति का शव ग्राम कचनालगाजी के पास रेलवे ट्रैक पर पड़ा मिला। मृतक के भाई ने तीन महिलाओं समेत पांच लोगों के खिलाफ आईटीआई थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने चार आरोपियों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ शुरू कर दी है। पूछताछ में आरोपियों ने हत्या करने का जुर्म कबूल कर लिया है। आरोपी पत्नी कुछ गलत महिलाओं की संगत में पड़ गई, जिससे उसके शौक बढ़ गए और वह गलत धंधे में पड़ गई थी।
ग्राम कनौरा (बाजपुर) निवासी राकेश उर्फ हरकेश (35) पुत्र मेघराम बाजपुर रोड स्थित एक फैक्ट्री में ठेकेदार के अधीन काम करता था। छह वर्ष पहले उसने ग्राम खड़कपुर देवीपुरा में मकान बनाया था। परिवार में पत्नी माया के अलावा दो पुत्रियां मधु (12) प्रीति (6) और बेटा आकाश (8) हैं। छह माह से उनके घर में महिला का मौसेरा भाई ग्राम तख्तपुर कुंदरकी (मुरादाबाद) निवासी इंद्रपाल पुत्र रामकिशोर भी रहता था।
मृतक के गले, चेहरे एवं छाती पर चोट के निशान
बुधवार सुबह काशीपुर जंक्शन के स्टेशन अधीक्षक ने काशीपुर-बाजपुर ट्रैक पर किमी 55/11 के पास एक व्यक्ति का शव पड़े होने की सूचना दी। इस पर आईटीआई चौकी पुलिस ने शव कब्जे में ले लिया।
मृतक के गले, चेहरे एवं छाती पर चोट के निशान थे। राजपुरम निवासी छतर सिंह ने शव की शिनाख्त अपने जीजा राकेश के रूप में की। पुलिस ने घटनास्थल पर मौजूद उसके मौसेरे भाई इंद्रपाल सिंह को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो उसने राकेश की हत्या का राज उगल दिया।
मृतक के भाई कनौरा (बाजपुर) निवासी कमल सिंह ने आईटीआई थाने में राकेश की पत्नी माया, इंद्रपाल सिंह के अलावा ग्राम खड़कपुर देवीपुरा निवासी रेखा पत्नी रामबाबू, जमुना पत्नी धर्म सिंह, थाना भगतपुर (मुरादाबाद) निवासी गुड्डू के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
हत्या का राज खोलने में मददगार हुआ इंजन ऑयल
वाहनों से निकाला गया इंजन आयल राकेश के हत्यारों तक पहुंचने में मददगार साबित हुआ। रेलवे ट्रैक पर शव पड़े होने की सूचना पर आईटीआई थाना पुलिस एवं मृतक के संबंधी घटनास्थल पर पहुंचे।
मौके पर उसका मौसेरा भाई इंद्रपाल सिंह भी था। लोगों ने शव देखा तो पैरों पर जला हुआ इंजन ऑयल लगा था। पास खड़े इंद्रपाल के कपड़ों पर भी काला तेल लगा था। मौके पर पड़े जूतों पर भी काला तेल था। यह देख मृतक के भाई कमल सिंह एवं साले छतर सिंह ने इंद्रपाल को पीटना शुरू कर दिया। पुलिस ने हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की तो उसने राकेश की हत्या करने की बात कबूल ली।
कचनालगाजी में किराए के कमरे में दिया हत्या को अंजाम
ग्राम कचनालगाजी स्थित एक किराए के मकान में राकेश की हत्या की गई। आरोपियों ने बताया कि मंगलवार रात करीब 11 बजे इंद्रपाल एवं गुड्डू ने राकेश के साथ उसके घर पर शराब पी। इसके बाद राकेश को दवा दिलाने के बहाने इंद्रपाल उसे बाइक पर बैठा ले गया। बाइक रेखा चला रही थी। ये तीनों ग्राम कचनालगाजी में गुड्डू के कमरे पर पहुंचे। गुड्डू ने यह कमरा गाजियाबाद निवासी साजिद से किराए पर लिया था। इसी कमरे में इंद्रपाल, गुड्डू, रेखा, जानकी, माया ने गला दबाकर और मारपीट कर राकेश की हत्या कर दी।
गुड्डू ने शव कंधे पर रखकर ट्रैक तक पहुंचाया
ग्राम कचनालगाजी के जिस कमरे में राकेश की हत्या की गई, वहां से रेलवे ट्रैक तक जाने के लिए पगडंडी तक नहीं है। ऐसे में गुड्डू ने राकेश का शव कंधे पर लादकर रेलवे ट्रैक तक पहुंचाया और हत्या को हादसे का रूप देने के लिए शव रेलवे लाइन पर डाल दिया। ट्रेन की चपेट में आने से राकेश के एक पैर की ऐड़ी कट गई थी।
मौसा की सुपुर्दगी में दिए गए तीनों बच्चे
राकेश की हत्या के बाद पुलिस ने उसके मकान में ताला लगा दिया है। पिता की हत्या में मां का हाथ होने के कारण तीनों बच्चे बेसहारा हो गए हैं। पुलिस ने फिलहाल बच्चों को राकेश के साढ़ू सत्यभान की सुपुर्दगी में दे दिया है।
राकेश की हत्या अवैध संबंधों को लेकर हुई है। माया एवं इंद्रपाल ने हत्या की साजिश रची है। इस हत्याकांड को माया, इंद्रपाल, रेखा, जमना एवं गड्डू ने अंजाम दिया है। तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।
-डॉ. जगदीश चंद्र, एएसपी, काशीपुर
दो बार पहले भी रची थी राकेश की हत्या की साजिश
अनैतिक धंधे का विरोध करने पर राकेश उर्फ हरकेश को अपनी जान गंवानी पड़ी। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि इससे पहले दो बार राकेश की हत्या करने की साजिश रची गई, लेकिन सफलता नहीं मिली।
ग्राम परमानंदपुर निवासी खानचंद्र की पुत्री माया का विवाह 16 अप्रैल 2001 को कनौरा (बाजपुर) निवासी राकेश के साथ हुआ था। उसकी दूसरी बहन का विवाह खड़कपुर देवीपुरा निवासी सत्यभान से हुआ है। अपनी बहन के कहने पर माया परिवार के साथ काशीपुर आ गई। करीब छह साल पहले 25 गज जमीन लेकर उसने एक कमरे का मकान बना लिया। इस दौरान माया कुछ गलत महिलाओं की संगत में पड़ गई, जिससे उसके शौक बढ़ गए।
माया ने रेखा, जानकी एवं कुछ अन्य महिलाओं के साथ गिरोह तैयार कर लिया। राकेश का मौसेरा भाई इंद्रपाल भी छह माह पहले उसके घर आकर रहने लगा। इंद्रपाल भी इन महिलाओं के लिए दलाली का काम करने लगा। कचनालगाजी निवासी गुड्डू को भी इन्होंने अपने साथ शामिल कर लिया। माया एवं जानकी के पति उनके इस धंधे का विरोध करते थे, जिसे लेकर उनके बीच मारपीट एवं विवाद होता रहता था। अपनी सहेली जानकी के पति धर्मेंद्र को सबक सिखाने के लिए दो दिन पहले रेखा ने उसके विरुद्ध दुष्कर्म के प्रयास का आरोप लगाया था। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि माया के कहने पर पहले भी दो बार राकेश की हत्या करने की साजिश रची जा चुकी है, लेकिन सफलता नहीं मिली।