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निर्भया मामले में डेथ वारंट जारी करने की मांग वाली अर्ज़ी पर सुनवाई 17 फरवरी तक के लिए टली

निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में डेथ वारंट जारी करने की मांग वाली अर्ज़ी पर सुनवाई 17 फरवरी तक के लिए टल गई है. पटियाला कोर्ट ने इस मामले के दोषी पवन को वकील मुहैया कराया है. कोर्ट ने कहा कि दोषी के मौलिक अधिकारों की अनदेखी नहीं की जा सकती है. कोर्ट की सुनवाई टाले जाने पर निर्भया की मां ने कहा कि मैं भरोसा लेकर आती हूं फिर निराश होकर जाती हूं. इस पर कोर्ट ने कहा कि हम सभी को कानूनी प्रक्रियाओं का सम्मान करना चाहिए.

निर्भया के माता पिता के वकील  जितेंद्र झा ने गुरुवार को कोर्ट से कहा कि आज की तारीख में कोई भी अर्जी लंबित नहीं है लिहाजा डेथ वारंट जारी किया जा सकता है. जितेंद्र झा ने कहा  कि इस मामले मे यह साफ दिख रहा है कि कैसे कानून की आड़ में फायदा उठाया जा रहा है. मामले को लगातार लटकाया जा रहा है.

झा ने कहा कि अगर आज डेथ वारेन्ट जारी करते हैं तो किसी के लिए कोई दिक्कत की बात नही है क्योंकि जेल में बैठे क्रिमिनल आराम से बैठे हैं कानून के साथ खेल रहे हैं. यहां से डेथ वाररेन्ट जारी होगा तो जाहिर तौर पर लीगल रेमिडस वो लेंगे. वरना इसी तरह बैठेंगे. इसी तरह कानून के साथ खेलेंगे.

दोषियों के वकील एपी सिंह  ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में मामला लम्बित है उसके बाद कैसे डेथ वारंट जारी करने की मांग की जा सकती है. DLSA के वकील रवि काज़ी ने कहा कि अगर किसी के पास लीगल राइट्स है तो उसे छीना नहीं जा सकता.

दोषी मुकेश की वकील वृंदा ग्रोवर ने भी कहा कि जो व्यक्ति 7 साल से ज़्यादा जेल में रह रहा है क्या वह लग्ज़री में रह रहा है, इस तरह की दलील कोर्ट में नहीं देनी चाहिए

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