उत्तराखंड में कोटद्वार के धुमाकोट में पिपली-भौन मोटर मार्ग पर एक बस खाई में गिर गई है। जिला आपदा कंट्रोल रूम ने हादसे में 45 लोगों के मरने की पुष्टि की है।
वहीं राहत बचाव के लिए एसडीआरएफ की टीम भी रवाना हो गई है। रविवार की सुबह आठ बजकर 45 मिनट पर कोटद्वार में नैनीडांडा ब्लॉक में पिपली-भौन मोटर मार्ग पर एक प्राइवेट बस (यूके 12सी 0159) खाई में गिर गई।
जानकारी के मुताबिक बस भौन से रामनगर जा रही थी और ग्वीन पुल के पास अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई। जानकारी के मुताबिक 28 सीटर इस बस में 50 से ज्यादा लोगों को भर कर ले जाया जा रहा था।
सभी मृतक स्थानीय
सभी मृतक स्थानीय बताए जा रहे हैं। करीब 8 लोगों के घायल होने की सूचना है।
बस सड़क से करीब 100 मीटर नीचे गदेरे ( बरसाती नाले) में गिरी है। स्थानीय लोगों और पुलिस, प्रशासन की टीम के द्वारा रेस्क्यू कार्य किया जा रहा है। एसडीआरएफ की टीम हेलीकॉप्टर से मौके के लिए रवाना हो चुकी है। घायल लोगों को रामनगर और कोटद्वार ले जाया जा रहा है।
घायलों को रेस्क्यू के लिए देहरादून के सहस्रधारा हेलीपेड से हेलीकॉप्टर भेजा गया है। एसडीआरएफ के आईजी संजय गुंज्याल ने बताया कि घायलों को देहरादून लाया जाएगा। वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने धुमाकोट के हादसे पर संवेदना व्यक्त की है और जिला प्रशासन को तत्काल राहत बचाव कार्य के आदेश दिए हैं। वहीं गढ़वाल कमिश्न दिलीप जावलकर ने बताया कि 20 शव निकाले जा चुके हैं और 12 घायलों को अस्पताल भेजा गया है।
खाई मेें गिर रही बस पेड़ पर अटकी
बस खार्इ में गिरने के बजाय एक पेड़ पर अटक गर्इ
वहीं शनिवार को हल्द्वानी जा रही एक रोडवेज की बस अचानक अनियंत्रित होकर खार्इ में गिरने लगी। लेकिन ऐसा चमत्कार हुआ कि बस खार्इ में गिरने के बजाय एक पेड़ पर अटक गर्इ।
नैनीताल से 15 किमी दूर ज्योलिकोट हल्द्वानी-मार्ग पर हल्द्वानी की ओर जा रही रोडवेज बस शाम पांच बजे दुर्घटनाग्रस्त होकर खाई में गिरने लगी और पेड़ पर अटक गई। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने राहत बचाव कार्य शुरू किया।
बस में सवार सभी 35 यात्री बाल-बाल बच गए। हालांकि कई यात्रियों को हल्की चोट आईं हैं।