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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गृह उद्योग को राहत देने के लिए 6 बड़ी घोषणाएं कीं

एमएसएमई सेक्टर को राहत देने के लिए बुधवार को सरकार ने छह कदमों की घोषणा की। इसमें तीन लाख करोड़ रुपए के लोन से लेकर क्रेडिट गारंटी, लोन मोराटोरियम जैसी कई बातें शामिल हैं। वित्तमंत्री की इस घोषणा से मुश्किलों से जूझ रहे इस सेक्टर को काफी राहत मिलने की उम्मीद है। कुछ समय पहले ही कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि एमएसएमई सेक्टर तबाह होने की कगार पर पहुंच गया है। एमएसएमई सेक्टर की मदद के लिए फिक्की ने 4.5 लाख करोड़ रुपए की मदद की मांग की थी। संगठन ने यह भी मांग की थी, सरकार 2.5 लाख करोड़ रुपए के बिल जल्दी क्लियर करे।

जानें वित्त मंत्री ने कहा

MSME सेक्टर के लिए बिना गारंटी के 3 लाख करोड़ रुपये के लोन की सुविधा
कोलेटरल फ्री लोन से 45 लाख MSME को फायदा होगा
MSME को 4 साल के लिए लोन दिया जाएगा
25 करोड़ तक लोन से 100 करोड़ टर्नओवर वालों को फायदा होगा
पहले 12 महीने नहीं चुकाना होगा मूलधन
3 लाख करोड़ में से 20 करोड़ NBFC के लिए
एमएसएमई के लिए 50000 करोड़ का फंड ऑफ फंड्स बनेगा
MSMEs के लिए 50 हजार करोड़ का फंड ऑफ़ फंड्स बनेगा
MSMEs की परिभाषा बदलेगी
MSME को e मार्केट से जोड़ा जाएगा
Discom में 90 हजार करोड़ की नकदी डालेंगे
10 करोड़ से 50 करोड़ वाली कंपनी स्मॉल रहेगी
200 करोड़ से कम वाले में ग्लोबल टेंडर नहीं होगा। एमएसएमई को लाभ दिया जाएगा।


ईपीएफ में 2500 करोड़ रुपए का निवेश होगा।
EPF को लेकर पहले दी गई राहत जून, जुलाई और अगस्त में भी सरकार द्वारा दी जाएगी।
ईपीएफ में सरकारी मदद से 72 लाख कर्मचारियों को फायदा
ईपीएफ में निजी कंपनियों के अंशदान को 12 फीसद से घटाकर 10 फीसद किया गया।
ईपीएफ में कटौती से इम्प्लॉयर्स को 6800 करोड़ का फायदा: वित्त मंत्री
एनबीएफसी, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों और MFIs के लिए 30,000 रुपये की नकदी सुविधा
डिस्कॉम को कैश फ्लो की भारी दिक्कत: वित्त मंत्री
एमएसएमई के लिए ई-मार्केट लिंकेज पर जोर दिया जाएगा
सरकार एमएसएमई के बाकी पेंमेंट 45 दिनों के अंदर करेगी
TDS रेट में 25 फीसद की कटौती
सभी तरह के पेमेंट पर लागू होगा
कल से 31 मार्च तक रहेगा लागू
वर्ष 2019-2020 के लिए आयकर रिटर्न की देय तिथि अब 31 जुलाई और 31 अक्टूबर से बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 तक कर दी गई है
ठेकेदारों के लिए बड़ी राहत का एलान करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सभी केंद्रीय एजेंसियां कॉन्ट्रैक्टर्स को बिना किसी शुल्क के काम पूरा करने के लिए छह माह का अतिरिक्त समय देंगी।
रियल एस्टेट डेवलपर्स को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने परियोजना पूरी करने और रजिस्ट्रेशन की समयसीमा को छह माह के लिए बढ़ा दिया है।

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