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‘मौत’ से 12 घंटे पहले मास्टरमाइंड ललित का व्यवहार कर रहा हैरान

बुराड़ी इलाके के संत नगर में भाटिया परिवार के 11 लोगों की मौत के मामले की जांच जैसे जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे वैसे इस रहस्यमयी घटना की एक-एक बात सामने आ रही है। यह घटना 30 जून (शनिवार) की रात की थी और अगले दिन रविवार की सुबह 11 लोगों के शव मकान में फंदे से झुलते हुए मिले थे। इस घटना के पीछे भले ही मोक्ष प्राप्ति के लिए विशेष क्रिया किए जाने की बात कही जा रही है और इस सामूहिक खुदकशी के लिए ललित को सूत्रधार माना जा रहा है। इस बीच इन 11 मौतों को लेकर एक और बात सामने आई है।

‘उस’ दिन रहस्यमय था मास्टरमाइंड ललित का व्यवहार

सीसीटीवी से खुलासा हुआ है कि वह घटना के दिन यानी 30 जून की सुबह से ही काफी बेचैन था। जांच के क्रम में क्राइम ब्रांच को गली में लगे 16 सीसीटीवी कैमरे के डीवीआर खंगालने के बाद यह तथ्य सामने आया है। इस सीसीटी फुटे में ललित काफी असामान्य और बेचैन नजर आ रहा है।

ललित की बेचैनी सीसीटीवी में कैद

पुलिस सूत्रों के मुताबिक 30 जून को सुबह साढ़े दस बजे मकान के भूतल पर स्थित ललित की प्लाइवुड की दुकान खुली थी। दुकान खुलने के समय ललित भी वहां मौजूद था, लेकिन वह काफी बेचैन नजर आ रहा था। सीसीटीवी फुटेजों में उसकी यह बेचैनी कैद हो गई थी।

बेचैनी कर रही थी परेशान

अपनी बेचैनी के कारण वह दुकान पर ध्यान नहीं दे पा रहा था। वह कुछ ही मिनटों के अंतराल पर बार बार दुकान से बाहर आकर सड़क पर खड़ा हो जाता था और फिर कुछ देर के बाद दुकान के अंदर जाकर बैठ जाता। यह सिलसिला करीब साढ़े 11 बजे चलता रहा। इस दौरान ललित अपने मुंह में गुटखा जैसी किसी चीज को बार बार चबाता हुआ भी नजर आ रहा था।

5 हजार का टॉक टाइम रिचार्ज कराना चाहता था

इसके बाद वह साढ़े 11 बजे दुकान से निकल जाता है और अपनी गली के बाहर मुख्य सड़क की दूसरी ओर स्थित नेहरू गली में मोबाइल दुकान पर मोबाइल फोन रिचार्ज कराने पहुंचा था। क्राइम ब्रांच ने जब उस मोबाइल दुकानदार से पूछताछ की तो पता चला कि ललित ने पांच सौ रुपये का रिचार्ज कराया था और साथ दुकानदार को यह भी बोला था कि कि उसे चार से पांच हजार रुपये के और रिचार्ज कराने हैं।

घबराहट उसे कहीं टिकने नहीं दे रही थी

इसके बाद वह मोबाइल दुकान से 12 बजे लौटकर दोबारा अपनी दुकान पर पहुंचा था, लेकिन दुकान पर आने के बाद भी वह उसकी बैचने कम नहीं हुई थी। इस बीच कुछ देर के लिए अपने घर में भी गया था।

सुकून की तलाश में कभी दुकान के अंदर कभी बाहर खड़ा हो रहा था

सूत्रों के अनुसार सीसीटीवी फुटेज की जांच से यह पता चला है कि घटना के दिन ललित मोबाइल रिचार्ज कराने के अलावा कहीं और नहीं गया था। उसने रात नौ बजे अपनी दुकान बंद कर दी थी। देर शाम को भी वह कभी दुकान के अंदर नजर आ रहा था तो कभी गली में आकर खड़ा हो जाता था। ऐसा लग रहा था कि वह उसके मन में ऐसा कुछ चल रहा था, जिससे वह किसी उधेड़बुन में पड़ा हो।

यहां पर बता दें कि दिल्ली में अब तक की सबसे बड़ी सनसनीखेज घटना में बुराड़ी स्थित एक घर में एक जुलाई की सुबह एक ही परिवार के 11 लोग संदिग्ध हालात में मृत पाए गए थे। मृतकों में सात महिलाएं व चार पुरुष थे, जिनमें दो नाबालिग थे। एक महिला का शव रोशनदान से तो नौ लोगों के शव छत से लगी लोहे की ग्रिल से चुन्नी व साड़ियों से लटके मिले। एक बुजुर्ग महिला का शव जमीन पर पड़ा मिला था। नौ लोगों के हाथ-पैर व मुंह बंधे हुए थे और आंखों पर रुई रखकर पट्टी बांधी गई थी।

बुराड़ी-संत नगर मेन रोड से सटे संत नगर की गली नंबर दो में बुजुर्ग महिला नारायण का मकान है। इसमें वह दो बेटों भुवनेश व ललित, उनकी पत्नियों, पोते-पोतियों व विधवा बेटी संग रहती थीं। ये लोग मूलरूप से राजस्थान के निवासी थे और 22 साल पहले यहां आकर बसे थे। बुजुर्ग महिला के तीसरे बेटे दिनेश सिविल कांटेक्टर हैं और राजस्थान के चित्ताैड़गढ़ में रहते हैं। बुजुर्ग महिला के दोनों बेटों की भूतल पर एक परचून व दूसरी प्लाईवुड की दुकान है। ऊपर पहली व दूसरी मंजिल पर परिवार रहता था।

रोज सुबह ललित घर के सामने रहने वाले दिल्ली पुलिस से सेवानिवृत्त तारा प्रसाद शर्मा के साथ मार्निंग वॉक पर जाते थे। उससे पहले शर्मा ललित की दुकान से दूध लेते थे। रविवार सुबह दुकान नहीं खुली तो शर्मा दरवाजा खटखटाने गए, पर दरवाजा खुला था तो वह ऊपर चले गए। ऊपर का दरवाजा भी खुला था। आगे जाने पर उनकी रूह कांप गई। बरामदे वाले हिस्से में दस लोगों के शव लटके थे, जबकि एक महिला का शव कमरे में पड़ा था।

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