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उत्तर प्रदेश के कई जिलों में टिड्डियों के हमले से प्रशासन के भी हाथ-पांव फूले लखनऊ में अलर्ट

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में रविवार को टिड्डियों के हमले से किसानों के साथ प्रशासन के भी हाथ-पांव फूल गए। सुलतानपुर, अमेठी, अम्बेडकर नगर, कानपुर, इटावा, औरैया, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद, कन्नौज, बांदा और उरई में टिड्डियों को भगाने के लिए किसान और ग्रामीण ढोल, थाली आदि बजाते रहे। कुछ स्थानों पर कृषि विभाग के अधिकारियों ने केमिकल का छिड़काव किया। प्रशासनिक टीम ने अभियान चलाकर काफी तादाद में टिड्डियां मार गिराईं। प्रशासन ने किसानों को सतर्क रहने की हिदायत दी है।

इटावा के बढ़पुरा क्षेत्र कई गांवों में टिड्डीदल पहुंच चुका है। इससे पहले पछायांगाव गांव क्षेत्र में टिड्डीदल हमला कर चुका है। बाजरा, मूंग, ढैंचा, लौकी, तोरई व अन्य हरी सब्जियों के नष्ट होने का भारी खतरा है। बताया गया यह दल कानपुर देहात से आया है। उधर, औरैया सीमा के गांव के किसान कनस्तर, ढोल, तसला, डीजे आदि बजाकर टिड्डियां भगाने में जुटे रहे। फर्रुखाबाद के कंपिल क्षेत्र में एटा, कासगंज और बदायूं के रास्ते टिड्डी दल ने दस्तक दे दी है। बड़ी तादाद में टिड्डियां आकाश में देरशाम तक मंडराती रहीं।

कानपुर देहात में कृषि विभाग ने देर रात दवा छिड़काव का अभियान चलाया। विभाग ने 30 फीसदी टिड्डियां नष्ट होने व बाकी के कई टुकड़ों में बंटकर कानपुर नगर की सीमा में जाने की बात कही है।

एमपी बार्डर से सटे नरैनी के माधवपुर गांव में कृषि विभाग की टीम ने अग्निशमन के सहयोग से शनिवार देर रात रसायन का छिड़काव कर करीब 45 फीसदी टिड्डियों को मार गिराया पर रविवार को टिड्डी दल ने प्रशासन को पूरे दिन छकाया। उरई के उमरारखेरा में शनिवार देर रात दो विशाल टिड्डी दलों के खिलाफ अभियान चलाया गया। सुबह चार बजे तक करीब सात लाख टिड्डियां मार दी गईं। बचीं टिड्डियां कानपुर देहात की ओर निकल गईं।

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