भाजपा और जदयू के प्रवक्ताओं को गठबंधन और सीट शेयरिंग के मुद्दे पर किसी तरह की बयानबाजी नहीं करने का निर्देश दिया गया है। पिछले कुछ दिनों से दोनों पार्टी के प्रवक्ताओं के द्वारा एक दूसरे पर की जा रही छींटाकशी और बड़बोलेपर पर लगाम लगाने के लिए यह फरमान सुनाया गया है।
आलाकमान की ओर से कहा गया है कि कोई भी प्रवक्ता सीट शेयरिंग और एनडीए गठबंधन को लेकर बेवजह की बयानबाजी नहीं करेगा। कयास लगाए जा रहे हैं कि 12 जुलाई को अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुलाकात को लेकर एेसा फरमान जारी किया गया है।
राजद ने कहा-तुगलकी फरमान तो भाजपा का काम है
इसपर तंज कसते हुए विपक्षी पार्टी राजद के नेता भाई वीरेंद्र ने कहा कि भाजपा तुगलकी फरमान जारी करने में उस्ताद है। इन लोगों ने देश को साथ ही बिहार को भी इमरजेंसी की हालत में पहुंचा दिया है। अब प्रवक्ताओं के लिए तुगलकी फरमान जारी किया गया है और अब उन्हें मुंह बंद रखना पड़ेगा। दरअसल ये लोग डरे हुए हैं और नीतीश कुमार तो भाजपा के पेंच में फंसे हुए हैं, क्या करेंगे बेचारे?
भाजपा ने कहा-कोई फरमान नहीं
इसपर भाजपा नेता संजय टाइगर ने कहा कि हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है। सीटों के तालमेल को लेकर जो विपक्षी लोग कयास लगा रहे हैं एेसा कुछ होने वाला नहीं है। सीट शेयरिंग का मुद्दा कोई मायने नहीं रखता हम इसे अच्छी तरह सुलझा लेंगे, लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। जब सबकुछ ठीक है तो बेवजह की बयानबाजी तो नहीं होनी चाहिए ।
जदयू ने कहा-फैसला आलाकमान का है और सही है
इसपर जदयू नेता नीरज कुमार ने कहा कि सीट शेयरिंग और गठबंधन का मुद्दा आलाकमान का फैसला है, इसपर किसी को भी बेवजह की बयानबाजी करने की जरूरत नहीं है। सीट शेयरिंग का मुद्दा हम मिल बैठकर सुलझा लेंगे। प्रवक्ता जो भी बोलते हैं, बोलें। लेकिन फैसला तो आलाकमान ही करती है। हमारे बीच सबकुछ ठीक है।
बता दें कि सीट शेयरिंग को लेकर दोनों पार्टियों के बीच प्रवक्ताओं के तीखे बयान सामने आए थे। बयान में बड़ा भाई-छोटा भाई, सबसे ज्यादा सीट, चुनावी चेहरा को लेकर जदयू-भाजपा के बीच बवाल मचा हुआ था और दोनों तरफ से वर्चस्व को लेकर बयानबाजी की जा रही थी, जिसे लेकर ये फरमान जारी किया गया है।