पहले मुख्यमंत्री के जनता दरबार में घटित शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा प्रकरण और फिर वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की आम पार्टी में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की शिरकत को लेकर सोशल मीडिया में चल रही चर्चाओं से प्रदेश भाजपा खासी चिंतित और खफा है। उस पर मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के अचानक बगैर निर्धारित कार्यक्रम के नई दिल्ली रवाना होने के बाद तो सोशल मीडिया में कयासों की बाढ़ सी आ गई। नतीजतन, देर शाम भाजपा को स्थिति स्पष्ट करनी पड़ी।
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ. देवेंद्र भसीन ने बयान जारी कर कहा कि सोशल मीडिया पर राज्य सरकार व भाजपा संगठन के खिलाफ कुछ लोगों द्वारा गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं। यह एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है और इस तरह की सभी सूचनाएं पूरी तरह आधारहीन हैं।
उत्तरा प्रकरण के बाद से इन दिनों सोशल मीडिया में भाजपा निशाने पर है। हाल में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की ओर से आयोजित आम पार्टी में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शिरकत क्या की कि इसे लेकर तरह-तरह के निहितार्थ निकाले जाने लगे। कहा गया कि कल तक तो हरीश रावत की पार्टियों को लेकर भाजपा उन्हें निशाने पर लेती थी। ऐसे में मुख्यमंत्री और भाजपा उनकी आम पार्टी में भाग लेकर क्या संदेश देना चाहते हैं।
तर्क-वितर्क का यह क्रम चल ही रहा था कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मंगलवार को दिल्ली रवाना होने के बाद तो सोशल मीडिया पर तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे। कहा जाने लगा कि हरीश रावत की पार्टी में शामिल होने के मद्देनजर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री को बुलावा भेजा है।
पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के स्वास्थ्य का हालचाल जानने दिल्ली गए मुख्यमंत्री की केंद्रीय नेताओं से होने वाली संभावित मुलाकात को इससे जोड़कर देखा गया। यही नहीं, सोशल मीडिया पर यह तक दावा किया गया कि भाजपा के प्रांतीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से पूर्व सीएम हरीश रावत की आम पार्टी में शामिल होने के संबंध में स्पष्टीकरण तक मांगा है।
इस पर सोशल मीडिया में पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी चुटकी लेते हुए पोस्ट किया, ‘भट्ट ज्यु, नाराज साले से, गुस्सा जीजा पर क्यों। सार्वजनिक रूप से आंखे बंदकर मुझको कोसते हो, मगर एकांत में मुझसे त्रिवेंद्र सिंह रावत से ज्यादा खिलखिलाकर के हंसते हुए मिलते हो..।’
जाहिर है, इस सबके चलते भाजपा को सफाई देनी पड़ी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने साफ किया कि मुख्यमंत्री से स्पष्टीकरण मांगने जैसी कोई बात ही नहीं हुई है। पूर्व सीएम की पार्टी में सीएम के जाने पर कोई बुराई नहीं है। यह सामान्य शिष्टाचार है।
भट्ट ने कहा कि उनके द्वारा कहीं भी मुख्यमंत्री से स्पष्टीकरण लेने की बात नहीं की गई। उधर, भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रमुख डॉ.देवेंद्र भसीन ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर कुछ लोग सरकार और भाजपा के खिलाफ अफवाहें फैलाने का काम कर रहे हैं। यह सोची समझी साजिश के तहत भाजपा सरकार व संगठन को बदनाम करने और अस्थिरता पैदा करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि षड़यंत्रकारियों के यह मंसूबे कभी सफल नहीं होने दिए जाएंगे।