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देश का पहला थीम आधारित मॉल ‘द ग्रेंड वेनिस’ होगा ध्वस्त, जानें- क्या है बड़ी वजह

उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम (यूपीएसआइडीसी) की साइट चार में पार्क की जमीन पर बना ग्रांड वेनिस मॉल ध्वस्त होगा। मेरठ मंडल के तत्कालीन कमिश्नर डॉ. प्रभात कुमार द्वारा की गई जांच में पता चला कि वेनिस मॉल के भूखंड आवंटन में भारी अनियमितता बरती गई थी। नियमों को ताक पर रखकर बिल्डर को फायदा पहुंचाने के लिए पार्क की जमीन पर मॉल के लिए जमीन आवंटित कर दी गई।उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम (यूपीएसआइडीसी) की साइट चार में पार्क की जमीन पर बना ग्रांड वेनिस मॉल ध्वस्त होगा। मेरठ मंडल के तत्कालीन कमिश्नर डॉ. प्रभात कुमार द्वारा की गई जांच में पता चला कि वेनिस मॉल के भूखंड आवंटन में भारी अनियमितता बरती गई थी। नियमों को ताक पर रखकर बिल्डर को फायदा पहुंचाने के लिए पार्क की जमीन पर मॉल के लिए जमीन आवंटित कर दी गई।   डॉ. प्रभात कुमार ने कमिश्नर रहते ही आवंटन प्रकिया को गलत ठहराते हुए मॉल को ध्वस्त करने की सिफारिश उत्तर प्रदेश सरकार से कर दी थी। उन्होंने औद्योगिक विकास आयुक्त को जांच रिपोर्ट भेजी थी, जिसकी कॉपी मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ, मुख्य सचिव डॉ. अनूप चंद्र पांडेय को भी है। रिपोर्ट में डॉ. प्रभात ने बिल्डर के खिलाफ मामला दर्ज करने की सिफारिश की है।  मैसर्स भसीन इंफोटेक एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. को 37500 वर्गमीटर जमीन होटल कम मल्टीप्लेक्स एंड शॉ¨पग कॉम्पलेक्स के लिए आवंटित की गई थी। इसमें पार्क के लिए आरक्षित 19112 वर्गमीटर भूखंड का भी उपयोग बदले बगैर भसीन इंफोटेक को व्यावसायिक उपयोग के लिए दिया गया था। आवंटन में अनियमितता की वजह से यूपीएसआइडीसी को करोड़ों रुपये की क्षति हुई।   सरकारी बैंकों के 10 लाख कर्मचारी हड़ताल पर, दिल्ली-NCR होगा सर्वाधिक प्रभावित यह भी पढ़ें इस मामले में तत्कालीन कमिश्नर डॉ. प्रभात ने यूपीएसआइडीसी के तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ प्रशासनिक एवं आइपीसी की धाराओं के तहत कार्रवाई व मैसर्स भसीन इंफोटेक से राजस्व के नुकसान की भरपाई की सिफारिश भी कर दी है। मैसर्स भसीन इंफोटेक एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. के खिलाफ बीटा दो निवासी ब्रजभूषण शर्मा ने मेरठ मंडल के तत्कालीन कमश्निर डॉ. प्रभात कुमार को शिकायत दी थी।  यूपीएसआइडीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक से कराई गई शुरुआती जांच में भसीन इंफोटेक के खिलाफ आरोप सही मिले थे। कासना कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराने के साथ यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह को विस्तृत जांच सौंपी गई थी। डॉ. अरुणवीर सिंह की जांच रिपोर्ट के अनुसार यूपीएसआइडीसी के तत्कालीन अधिकारियों व मैसर्स भसीन इंफोटेक एंड इंफ्रास्ट्रक्चर ने मिलीभगत कर घोटाला किया और निगम को करोड़ों रुपये की क्षति पहुंचाई थी।   सरकारी बैंकों की हड़ताल के चलते हुआ लाखों का घाटा यह भी पढ़ें यूपीएसआइडीसी ने 2006 में साइट चार स्थित 37500 वर्गमीटर भूखंड के लिए बिड आमंत्रित की थी। बिड की अंतिम तिथि सात जून 2006 थी। यूपीएसआइडीसी के तत्कालीन अधिकारियों ने अंतिम तिथि बीतने के बाद पांच जुलाई को तीन कंपनियों मैसर्स सैडान विकास इंडिया प्रा. लि., मैसर्स अशोका पैलेस नई दिल्ली व मैसर्स भसीन इंफोटेक एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. की बिड कानपुर स्थित चीफ इंजीनियर कार्यालय के बजाय क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय से ही स्वीकार कर ली।  भूखंड की दर तय करने में भी अनियमितता बरतते हुए उस वक्त के सर्किल रेट 12000 रुपये प्रति वर्गमीटर के स्थान पर 9001 रुपये प्रति वर्गमीटर तय की। इससे यूपीएसआइडीसी को करीब 12 करोड़ का नुकसान हुआ। यही नहीं नियमों के विरुद्ध जाकर मैसर्स भसीन इंफोटेक को उसी दर पर मार्च 2009 में 3297 वर्गमीटर अतिरिक्त जमीन और आवंटित कर दी थी।   दिल्ली सरकार की बेरुखी का शिकार है उद्योग जगत यह भी पढ़ें जमीन आवंटन के बाद भी यूपीएसआइडीसी के अधिकारी भसीन इंफोटेक के प्रति दरियादिल बने रहे। अनुमान्य साठ फीसद ग्राउंड कवरेज और 1.8 एफएआर को बढ़ाकर चार कर दिया। इसके लिए यूपीएसआइडीसी बोर्ड की बजाय क्षेत्रीय प्रबंधक ने ही फैसला कर दिया। अपने फैसले को सही ठहराने के लिए आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के शासनादेश की आड़ ले ली। बढ़े एफएआर के एवज में मैसर्स भसीन से अतिरिक्त धनराशि तक वसूल नहीं की गई। इससे करीब 55 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।  जानें मॉल की विशेषताएं   कपड़े पर ई-वे बिल नहीं लगाने की मांग, दिल्ली के डिप्टी सीएम से मिले व्यापारी यह भी पढ़ें 'द ग्रेंड वेनिस' मॉल को इटेलियन शहर वेनिस की वस्तुकला का आधार पर तैयार किया गया है। इस मॉल को बनाने के लिए जिस थीम का इस्तेमाल किया गया है उसके कारण ही ये मॉल बाकि मॉल्स से बिल्कुल अलग है। इसकी सबसे बड़ी खूबी ये है कि इसके अंदर ही गंडोला राईड चलाई गई है वहीं ये मॉल 32 लाख वर्ग फुट में फैला हुआ है जिसमे लास वेगास और मकाऊ में यूरोपीय कल्पना पर आधारित है इसी कारण से दूसरे मॉल्स से बिल्कुल अलग है। वहीं दूसरी बड़ी बात इस मॉल की ये है कि दिल्ली-एनसीआर का इसमें सबसे बड़ा फूड कोर्ट है। इस फूड कोर्ट में 1300 लोग आराम से बैठ सकते है। इस मॉल में 1500 दुकाने बनाई गई है।

डॉ. प्रभात कुमार ने कमिश्नर रहते ही आवंटन प्रकिया को गलत ठहराते हुए मॉल को ध्वस्त करने की सिफारिश उत्तर प्रदेश सरकार से कर दी थी। उन्होंने औद्योगिक विकास आयुक्त को जांच रिपोर्ट भेजी थी, जिसकी कॉपी मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ, मुख्य सचिव डॉ. अनूप चंद्र पांडेय को भी है। रिपोर्ट में डॉ. प्रभात ने बिल्डर के खिलाफ मामला दर्ज करने की सिफारिश की है।

मैसर्स भसीन इंफोटेक एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. को 37500 वर्गमीटर जमीन होटल कम मल्टीप्लेक्स एंड शॉ¨पग कॉम्पलेक्स के लिए आवंटित की गई थी। इसमें पार्क के लिए आरक्षित 19112 वर्गमीटर भूखंड का भी उपयोग बदले बगैर भसीन इंफोटेक को व्यावसायिक उपयोग के लिए दिया गया था। आवंटन में अनियमितता की वजह से यूपीएसआइडीसी को करोड़ों रुपये की क्षति हुई।

इस मामले में तत्कालीन कमिश्नर डॉ. प्रभात ने यूपीएसआइडीसी के तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ प्रशासनिक एवं आइपीसी की धाराओं के तहत कार्रवाई व मैसर्स भसीन इंफोटेक से राजस्व के नुकसान की भरपाई की सिफारिश भी कर दी है। मैसर्स भसीन इंफोटेक एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. के खिलाफ बीटा दो निवासी ब्रजभूषण शर्मा ने मेरठ मंडल के तत्कालीन कमश्निर डॉ. प्रभात कुमार को शिकायत दी थी।

यूपीएसआइडीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक से कराई गई शुरुआती जांच में भसीन इंफोटेक के खिलाफ आरोप सही मिले थे। कासना कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराने के साथ यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह को विस्तृत जांच सौंपी गई थी। डॉ. अरुणवीर सिंह की जांच रिपोर्ट के अनुसार यूपीएसआइडीसी के तत्कालीन अधिकारियों व मैसर्स भसीन इंफोटेक एंड इंफ्रास्ट्रक्चर ने मिलीभगत कर घोटाला किया और निगम को करोड़ों रुपये की क्षति पहुंचाई थी।

यूपीएसआइडीसी ने 2006 में साइट चार स्थित 37500 वर्गमीटर भूखंड के लिए बिड आमंत्रित की थी। बिड की अंतिम तिथि सात जून 2006 थी। यूपीएसआइडीसी के तत्कालीन अधिकारियों ने अंतिम तिथि बीतने के बाद पांच जुलाई को तीन कंपनियों मैसर्स सैडान विकास इंडिया प्रा. लि., मैसर्स अशोका पैलेस नई दिल्ली व मैसर्स भसीन इंफोटेक एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. की बिड कानपुर स्थित चीफ इंजीनियर कार्यालय के बजाय क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय से ही स्वीकार कर ली।

भूखंड की दर तय करने में भी अनियमितता बरतते हुए उस वक्त के सर्किल रेट 12000 रुपये प्रति वर्गमीटर के स्थान पर 9001 रुपये प्रति वर्गमीटर तय की। इससे यूपीएसआइडीसी को करीब 12 करोड़ का नुकसान हुआ। यही नहीं नियमों के विरुद्ध जाकर मैसर्स भसीन इंफोटेक को उसी दर पर मार्च 2009 में 3297 वर्गमीटर अतिरिक्त जमीन और आवंटित कर दी थी।

जमीन आवंटन के बाद भी यूपीएसआइडीसी के अधिकारी भसीन इंफोटेक के प्रति दरियादिल बने रहे। अनुमान्य साठ फीसद ग्राउंड कवरेज और 1.8 एफएआर को बढ़ाकर चार कर दिया। इसके लिए यूपीएसआइडीसी बोर्ड की बजाय क्षेत्रीय प्रबंधक ने ही फैसला कर दिया। अपने फैसले को सही ठहराने के लिए आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के शासनादेश की आड़ ले ली। बढ़े एफएआर के एवज में मैसर्स भसीन से अतिरिक्त धनराशि तक वसूल नहीं की गई। इससे करीब 55 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

जानें मॉल की विशेषताएं

‘द ग्रेंड वेनिस’ मॉल को इटेलियन शहर वेनिस की वस्तुकला का आधार पर तैयार किया गया है। इस मॉल को बनाने के लिए जिस थीम का इस्तेमाल किया गया है उसके कारण ही ये मॉल बाकि मॉल्स से बिल्कुल अलग है। इसकी सबसे बड़ी खूबी ये है कि इसके अंदर ही गंडोला राईड चलाई गई है वहीं ये मॉल 32 लाख वर्ग फुट में फैला हुआ है जिसमे लास वेगास और मकाऊ में यूरोपीय कल्पना पर आधारित है इसी कारण से दूसरे मॉल्स से बिल्कुल अलग है। वहीं दूसरी बड़ी बात इस मॉल की ये है कि दिल्ली-एनसीआर का इसमें सबसे बड़ा फूड कोर्ट है। इस फूड कोर्ट में 1300 लोग आराम से बैठ सकते है। इस मॉल में 1500 दुकाने बनाई गई है।

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