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भारतीय अर्थव्यवस्था में रिकवरी शुरू :RBI शक्तिकांत दास

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति ने ब्याज दरों पर फैसला सुना दिया है.

ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया. हालांकि, इस साल की बात करें तो रिजर्व बैंक ने लॉकडाउन को देखते हुए 2 बार में ब्याज दरों में 1.15 फीसदी की कटौती की है.

RBI का फैसला- RBI ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. रेपो रेट 4% पर बरकरार है. MPC ने सर्वसम्मति से ये फैसला किया है. रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर बरकरार है. MSF, बैंक रेट 4.25% पर बरकरार है.

क्यों नहीं कम हुई ब्याज दरें- एक्सपर्ट्स का कहना है कि जून में बढ़ी महंगाई दर को देखते हुए यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि RBI इस बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा.

इस साल जून में एनुअल इनफ्लेशन रेट मार्च के 5.84 फीसदी के मुकाबले बढ़कर 6.09 फीसदी हो गयी. यह RBI के मीडियम टर्म टारगेट से ज्यादा है. RBI का यह टारगेट 2-6 फीसदी है.

आरबीआई पॉलिसी समीक्षा के बाद भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि देश में आर्थिक सुधार शुरू हो गया है. उन्होंने बताया अच्छी बात ये हैं कि भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है.

जबकि, दुनियाभर की अर्थव्यवस्था में तेज गिरावट आई है. जनवरी से लेकर जून तक बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की आर्थिक स्थिति बेहद खराब रही.

अच्छी पैदावार से ग्रामीण इकोनॉमी में रिकवरी आने की उम्मीद है. कर्ज की दरों में बड़ी गिरावट देखी गई.आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि दूसरी तिमाही यानी जुलाई-अगस्त-सितंबर में महंगाई दर ऊंची रह सकती है.

हालांकि, अक्टूबर से इसमें गिरावट आने का अनुमान है.FY21 में GDP ग्रोथ निगेटिव रहने का अनुमान है. इकोनॉमिक रिवाइवल के लिए महंगाई पर नजर बनी है.

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