संसद का मानसून सत्र: महिला आरक्षण बड़ा मुद्दा
आज से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है. जिसमे 40 से ज्यादा अटके बिल का फैसला होना है. सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से चलाने की अपील पहले ही अध्यक्षा सुमित्रा महाजन सदस्यों से कर चुकी है. वही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी महिला आरक्षण बिल कोपास करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को लेटर लिख अपना समर्थन दे चुके है. राहुल ने लिखा कि बिल को पास कराने के लिए वह सरकार के साथ हैं. दूसरी तरफ़ मोदी सरकार में क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी को उनके पत्र का जवाब पत्र लिखकर दिया हैं.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी पहले तीन तलाक बिल का समर्थन करें. प्रसाद ने कहा कि सिर्फ महिला आरक्षण बिल पर नहीं, दोनों राष्ट्रीय पार्टियों को तीन तलाक, हलाला और ओबीसी कमीश्न बिल पर भी साथ आना चाहिए और नई मिसाल पेश करना चाहिए.
रविशंकर प्रसाद के पत्र का जवाब देते हुए कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने कहा कि 2014 में बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में महिला आरक्षण बिल रखा था. अब सरकार महिला आरक्षण बिल पर अपना रूख साफ़ करे और संसद के इसी सत्र में पास करे. क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी पर चुटकी लेते हुए लिखा कि हम महिला आरक्षण बिल पर आपकी पहल की तारिफ़ करते हैं. लेकिन सरकार ये ज़रूर जानना चाहती है कि आप तो बिल का समर्थन करेंगे लेकिन आपके सहयोगी सदन की कार्यवाही को बाधित तो नहीं करेंगे. रविशंकर प्रसाद का प्रश्न जायज़ है.