उत्तर प्रदेश

बड़ी खबर: आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के 6 साल तक चुनाव लड़ने पर लगेगी रोक

उत्तर प्रदेश की सत्ता में योगी आदित्यनाथ के काबिज होने के बाद से सपा सांसद आजम खान की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है. सीतापुर जेल में बंद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के अगले 6 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लग सकती है. इस संबंध में गुरुवार को यूपी विधानसभा सचिवालय की तरफ से राष्ट्रपति को पत्र लिखा गया है. इस पर मुहर लगती है तो फिर आजम खान के बेटे होने वाले उपचुनाव ही नहीं बल्कि 2022 में होने वाले विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव में किस्मत नहीं आजमा पाएंगे.

बता दें कि अब्दुला आजम खान 2017 में रामपुर जिले की स्वार सीट से विधायक चुने गए थे. चुनाव लड़ने के दौरान उनकी उम्र 25 साल नहीं थी, लेकिन वो फर्जी जन्मतिथि के आधार पर चुनाव जीतकर विधायक बने थे. ऐसे में इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दायर की गई थी, जिस पर कोर्ट ने 2018 दिसंबर को उनके निर्वाचन को अवैध ठहराया था. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने अब्दुला आजम खान की सदस्यता खारिज कर दी थी.

ऐसे में अब स्वार विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने वाले हैं. माना जा रहा है कि आजम खान के बेटे एक बार फिर से उपचुनाव में किस्मत आजमा सकते हैं. ऐसे में यूपी विधानसभा सचिवालय ने उनके चुनाव लड़ने की संभवना को देखते हुए राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा कि अब्दुल्ला आजम खान को भ्रष्ट आचरण का दोषी करार दिए जाने पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा 8-क के तहत चुनाव लड़ने से रोके जाने की संस्तुति की गई है. यूपी सचिवालय ने कहा कि इस पत्र पर अब राष्ट्रपति भारत निर्वाचन आयोग से सहमति प्राप्त करके चुनाव लड़ने से रोकने का आदेश जारी करेंगे.

बता दें कि रामपुर जिले के पूर्व विधायक नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने अब्दुल्ला आजम खान के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का आग्रह करते हुए पत्र लिखा था. इसमें अब्दुल्ला को चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किये जाने के लिए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा-8(1) का उल्लेख किया गया है. पत्र पर विधानसभा सचिवालय द्वारा विधि विभाग की राय ली गई, जिसमें अब्दुल्ला आजम को चुनाव से रोके जाने की संस्तुति की गई है.

हालांकि, राष्ट्रपति अगर विधानसभा सचिवालय के द्वारा लिखी गई चिट्ठी पर मुहर लगाते हैं तो आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम रामपुर की स्वार सीट पर होने वाले उपचुनाव में नहीं लड़ पाएंगे. इतना ही नहीं वो फिर 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में भी किस्मत नहीं आजमा पाएंगे. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही 6 साल के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लग जाएगी. इस बीच अगला विधानसभा और लोकसभा चुनाव होने हैं. मौजूदा समय में आजम खान रामपुर से सांसद हैं और उनकी पत्नी रामपुर विधानसभा से विधायक हैं.

दिलचस्प बात यह है कि यूपी की आठ सीटों पर होने वाले उपचुनाव में बीजेपी क्लीन स्वीप करना चाहती हैं. इन आठ सीटों में से छह सीटें बीजेपी के पास थी और दो सीटें स्वार और जौनपुर की मल्हानी सपा की रही हैं. इसमें रामपुर की स्वार विधानसभा पर भी बीजेपी ने कभी जीत का स्वाद नहीं चखा है. हालांकि, नंबर दो की हैसियत जरूर बनाकर रखने में कामयाब रही है.

स्वार सीट से आजम खान के बाद अब्दुल्ला आजम खान 2017 में जीतकर विधायक बने थे. लेकिन उनकी सदस्यता खत्म हो गई है और फिलहाल जेल में बंद है. ऐसे में बीजेपी इस सीट पर खाता खोलने के लिए बेताब है. विधानसभा सचिवालय द्वापा चिट्ठी लिखे जाने के बाद आजम खान के बेटे के चुनाव लड़ने पर संकट के बादल छा गए हैं. ऐसे में राष्ट्रपति की मुहर लगती है तो बीजेपी की राह आसान हो सकती है.

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