उत्तराखंडप्रदेश

भाजपा के बागी और असंतुष्ट विधायक बनाएंगे तीसरा मोर्चा!

प्रदेश की राजनीति में जल्द ही एक नया मोड़ आने वाला है। प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस संगठन से बागी और असंतुष्ट नेताओं ने एक मंच के गठन की शुरुआत कर दी है। ऋषिकेश में हुई दोनों दलों के बागी और असंतुष्ट नेताओं की बैठक में प्रदेश में तीसरा राजनीतिक मोर्चा तैयार कर जनता को नया विकल्प उपलब्ध कराने पर सहमति बनी है। हालांकि, अभी इस मोर्चे के स्वरूप को लेकर कोई अंतिम नहीं हो पाया है, मगर इतना तय है कि भाजपा और कांग्रेस के बागी व असंतुष्ट नेताओं का यह मंच जल्द ही नए तेवर के साथ जनता के बीच आएगा।

रविवार को ऋषिकेश में वीरभद्र मार्ग स्थित एक होटल में भाजपा व कांग्रेस की विचारधारा के असंतुष्ट नेता एक मंच पर नजर आए। इनमें ज्यादातर भाजपा के टिकट पर पूर्व में विधायक रह चुके और भाजपा से बगावत कर पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ चुके नेता शामिल थे। हालांकि, बैठक में कुछ अन्य पूर्व विधायकों के भी आने की सूचना थी मगर, बताया गया कि मार्ग खराब होने के कारण वह बैठक में नहीं पहुंच सके। खास बात यह रही कि इस बैठक को पूरी तरह से गोपनीय रखते हुए मीडिया को भी बैठक से दूर रखा गया। पूर्व विधायक सुरेश चंद्र जैन की अध्यक्षता में करीब चार घंटे तक चली इस बैठक में चर्चा के केंद्र में प्रदेश की राजनीति, आगामी निकाय चुनाव और नई राजनीतिक उम्मीद ही रही।

सूत्रों के मुताबिक दोनों दलों के असंतुष्ट और बागी नेताओं ने नया राजनीतिक दल बनाने पर भी चर्चा की। मगर, इस पर दोनों ओर से मिलीजुली प्रतिक्रिया ही रही। फिलहाल निर्णय लिया गया है कि एक मजबूत मंच का गठन कर प्रदेश की जनता की समस्याओं और उनके हक के लिए लड़ाई लड़ी जाएगी। जिसके लिए इस कुनबे को सामाजिक जन संघर्ष मंच के तौर पर प्रदेश भर में पहचान दी जाएगी। संघर्ष के साथ मंच अपनी राजनीतिक ताकत भी हासिल करेगा और आगामी निकाय चुनाव में जनता के बीच एक राजनीतिक विकल्प के रूप में उतरेगा।

सभी असंतुष्टों ने भाजपा व कांग्रेस पर प्रदेश की जनता के साथ वादाखिलाफी का आरोप लगाया। फिलहाल वरिष्ठ नेता सुरेश चंद्र जैन को ही इस मंच का अघोषित संरक्षक बनाया गया है। महेंद्र ङ्क्षसह नेगी के संचालन में चली बैठक में पूर्व विधायक व काबीना मंत्री दिनेश धनै, पूर्व विधायक ओमगोपाल रावत, भाजपा व कांग्रेस से बगावत कर चुनाव लड़ चुके पूर्व दायित्वधारी संदीप गुप्ता, सूरतराम नौटियाल, आरेंद्र शर्मा, प्रमोद नैनवाल, सुभाष चंचल, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष गोङ्क्षवद अग्रवाल, ज्योति सजवाण सहित भाजपा, कांग्रेस व संघ पृष्ठभूमि के कई नेता उपस्थित थे।

प्रदेश अध्यक्षों को हरवाने वाले बागी एक मंच पर 

वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के प्रदेश अध्यक्ष अपने-अपने चुनाव हार गए थे। दोनों प्रदेश अध्यक्षों की हार के सबसे बड़े कारण भी पार्टी के ही बागी बने थे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के खिलाफ भाजपा के बागी प्रमोद नैनवाल ने रानीखेत विधासभा सीट से चुनाव लड़ा और उनकी हार के कारण बने। वहीं, सहसपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़े कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को भी कांग्रेस के ही बागी आरेंद्र शर्मा की वजह से हार का सामना करना पड़ा। अब प्रदेश में आकार ले रहे नए राजनीतिक मंच में दोनों प्रदेश अध्यक्षों की हार का कारण बने बागी नेता प्रमोद नैनवाल व आरेंद्र शर्मा भी एक मंच पर हैं।

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