Main Slideदेश

‘रोजगार देने की कोई गारंटी नहीं है आरक्षण’: नितिन गडकरी

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि आरक्षण रोजगार देने की गारंटी नहीं है क्योंकि नौकरियां कम हो रही हैं. गडकरी ने कहा कि एक ‘सोच’ है जो चाहती है कि नीति निर्माता हर समुदाय के गरीबों पर विचार करें.

नितिन गडकरी महाराष्ट्र में आरक्षण के लिए मराठों के वर्तमान आंदोलन तथा अन्य समुदायों द्वारा इस तरह की मांग से जुड़े सवालों का जवाब दे रहे थे. वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा, ‘मान लीजिए कि आरक्षण दे दिया जाता है. लेकिन नौकरियां नहीं हैं. क्योंकि बैंक में आईटी के कारण नौकरियां कम हुई हैं. सरकारी भर्ती रूकी हुई है. नौकरियां कहां हैं?’

एक ‘सोच’ के बारे में बताया
उन्होंने कहा, ‘एक सोच कहती है कि गरीब गरीब होता है, उसकी कोई जाति, पंथ या भाषा नहीं होती. उसका कोई भी धर्म हो, मुस्लिम, हिन्दू या मराठा (जाति), सभी समुदायों में एक धड़ा है जिसके पास पहनने के लिए कपड़े नहीं है, खाने के लिए भोजन नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘एक सोच यह कहती है कि हमें हर समुदाय के अति गरीब धड़े पर भी विचार करना चाहिए.’

बांबे हाईकोर्ट में सुनवाई
बांबे हाईकोर्ट मराठा आरक्षण के मुद्दे पर याचिकाओं की सुनवाई 14 अगस्त के बजाय सात अगस्त को करने पर राजी हो गया. वर्ष 2014 और 2015 में इस संबंध में कई याचिकाएं दायर की गई थीं. उससे पहले तत्कालीन कांग्रेस-राकांपा गठबंधन सरकार ने मराठा समुदाय को सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा में 16 फीसदी आरक्षण देने को मंजूरी दी थी. कुछ याचिकाओं में इस फैसले का विरोध किया गया जबकि दो याचिकाओं में इसे तत्काल लागू कराने का अनुरोध किया गया.

Related Articles

Back to top button