बिहार

मिशन 2019: बिहार की सियासत का केंद्र बने कुशवाहा, पाले में करना चाहते दोनों गठबंधन

लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, पिछड़े वर्ग में यादव के बाद आबादी के लिहाज से दूसरा बड़ा तबका कुशवाहा वोट बैंक पर बिहार के दोनों गठबंधनों राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) व महागठबंधन की नजर है। कुशवाहा को छोड़कर बिहार में लगभग हर सामाजिक तबका किसी न किसी से गठबंधन से जुड़ा हुआ है। एक यही तबका है जिसके बारे में कोई भी दल एकमुश्त वोट को दावा नहीं कर सकता। ऐसे में दोनों गठबंधन इसे अपने साथ जोडऩे की कवायद में जुट गए है।

मौजूदा राजनीतिक हालात में प्रदेश में कुशवाहा समाज के हर प्रमुख नेता और कार्यकर्ता की पूछ बढ़ गयी है। सभी दल किसी न किसी बहाने इसे अपने पाले में गोलबंद करने में जुटे है। दो दशक पहले लव-कुश महासम्मेलन के बाद नीतीश कुमार इस वोट बैंक के सबसे बड़े नेता बनकर उभरे। तब से कुशवाहा राजनीति उन्हीं के इर्द गिर्द घूमती रही। अभी भी दो कैबिनेट मंत्री सहित सर्वाधिक 10 विधायक और पूर्णिया से लोकसभा सदस्य संतोष कुशवाहा उन्हीं की पार्टी से हैं।

चुनाव को लेकर जदयू सक्रिय, मुख्‍यमंत्री आवास पर बैठक आज

लिहाजा लोकसभा चुनाव करीब आते ही जदयू की सक्रियता का सहज अंदाज लगाया जा सकता है। पिछले महीने जदयू विधायकों की महनार और टेकारी विधायक के घर दो अलग अलग बैठकें हुई थी। इसके बाद पार्टी के कुशवाहा विधायक मुख्यमंत्री से भी मिले थे। इसी कड़ी में आज यानी 8 अगस्त को इस समाज के करीब 800 प्रमुख लोगों को मुख्यमंत्री आवास में आमंत्रित किया गया है।   

उपेंद्र कुशवाहा भी प्रमुख दावेदार, जोड़कर रखना चाहती भाजपा

राजग के घटक दल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष और केंद्रीय राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा भी इस वोट बैंक के प्रमुख दावेदार हैं। उपेंद्र कुशवाहा की समय-समय पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार भाजपा के नेताओं से अलग राय और राजद नेताओं के विवादास्पद बयानों के बाद उनको लेकर कई तरह की अटकलें लग रही हैं। हालांकि, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री उपेंद्र कुशवाहा को भाजपा नेतृत्व राजग से जोड़कर रखने की हरसंभव कोशिश में है। 2014 के चुनाव में राजग ने तीन कुशवाहा प्रत्याशी मैदान में उतारे थे, जिसके रालोसपा के ही दो लोग चुनाव जीते थे। काराकाट से खुद उपेंद्र कुशवाहा और सीतामढ़ी से राम कुमार शर्मा को कामयाबी मिली थी। भाजपा से रेणु कुशवाहा मधेपुरा से चुनाव हार गईं थीं। 

कुशवाहा समाज पर भाजपा की नजर

भाजपा नेतृत्व भी इस समाज पर अपनी नजर गड़ाए है। कुशवाहा समाज के बड़े नेता शकुनी चौधरी के पुत्र और पूर्व मंत्री सम्राट चौधरी को भाजपा ने पार्टी में शामिल करा कर प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दे दी है। उन्हें खगडिय़ा से चुनाव भी लड़ाने की भी चर्चा है।

उपेंद्र कुशवाहा पर डोरे डाल रहा राजद

इधर, राजद की भी इस वोट बैंक पर नजर है। पूर्व मंत्री आलोक मेहता को कुशवाहा वोट बैंक से जोडऩे की जिम्मेदारी दी गई है। पार्टी भगवान सिंह कुशवाहा और नागमणि के जरिये रालोसपा नेता उपेंद्र कुशवाहा को भी डोरे डाल रही है। भाकपा माले को महागठबंधन से जोडऩे की कवायद के पीछे पर कुशवाहा वोट बैंक है। मध्य बिहार के कुछ इलाके में भाकपा माले की इस वोट पर मजबूत पकड़ रही है।

Related Articles

Back to top button