उत्तराखंड

सरकार 25 गांवों में गोशालाएं बनाए सरकार, दूध बेचकर करें उनकी परवरिश

हाईकोर्ट ने जिला और नगर पंचायतों को सड़कों पर लावारिस घूम रही गायों को गोशाला में रखने और उनका दूध बेचकर मिलने वाली धनराशि ने उनकी परवरिश के आदेश दिए है। रुड़की के सौलापुर गाड़ा गांव में बिना लाइसेंस के गोवंशीय पशुओं के मांस की बिक्री के मामले में कोर्ट ने सरकार को 25 गांवों में गोशालाएं बनाने के आदेश दिए हैं। 

रुड़की निवासी अलीम की याचिका पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने गृह सचिव को आदेश दिए हैं कि वह यह सुनिश्चित कराएं कि राज्य में कहीं भी गोवध न हो। पीठ ने कहा कि निगरानी के लिए डीएसपी के नेतृत्व में कमेटी बनाई जाए और इसमें एक पशु चिकित्सक भी शामिल हो। सभी पुलिस क्षेत्राधिकारी सुनिश्चित करें कि कही भी गोवध न हो और ना ही गोवध के लिए गायें ले जाई जाएं। 

एसएसपी हरिद्वार कोर्ट में पेश हुए
अलीम का कहना था कि सौलापुर गाड़ा में प्रतिबंधित पशुओं का मांस के लिए वध किया जा रहा है। इसकी शिकायत उन्होंने एसएसपी हरिद्वार से भी की थी। शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।

इस पर पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने एसएसपी हरिद्वार को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए थे। शुक्रवार को एसएसपी ने कोर्ट में पेश होकर कि मामले की जांच की जा रही है। इसके लिए इंस्पेक्टर के नेतृत्व में टीम बनाई गई है।

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