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8 लाख से अधिक बच्चों को लगाए जाएंगे जेई के टीके, पहले दिन में 10% लक्ष्य हुए पूरे :-

जापानी बुखार से बचाव के लिए जेई टीकाकरण के अभियान की शुरुआत हो गई है। इस टीकाकरण अभियान का मुख्य उद्देश्य बच्चों को मस्तिष्क ज्वर से सुरक्षित करना है। 23 नवम्बर से 18 दिसम्बर तक चलने वाले इस अभियान के तहत पहले दिन ही 10 प्रतिशत, लगभग 81 ,885 बच्चों तक स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अपनी पहुँच बनाई। स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पहले दिन के कवरेज में धमतरी के 20,636, कोंडागांव के 19,660, बस्तर के 26,130, दंतेवाड़ा के 8,011, बीजापुर के 7,448 बच्चों का टीकाकरण किया गया। जैपनीज इंसेफ्लाइटिस टीकाकरण की शुरुआत प्रदेश में 4 वर्ष पूर्व सुकमा जिले से की गई थी। भारत सरकार के दिशा निर्देश के अनुरूप छत्तीसगढ़ के अन्य 5 जिले में भी यह टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत 1 से 15 वर्ष के कुल 8.17 लाख बच्चे लाभान्वित होंगे।

पहले हफ्ते में 87 प्रतिशत बच्चों का हुआ जेई का टीकाकरण - Gramin Chahal Pahal
इसमें सर्वाधिक बस्तर जिले के 2.82 लाख व न्यूनतम बीजापुर के 77, 248 बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। इन 2 जिलों के अतिरिक्त धमतरी में 2.11 लाख, कोंडागांव में 1.59 लाख, दंतेवाड़ा में 87,309, बच्चे इस टीकाकरण के दायरे में आएंगे। जैपनीज इंसेफ्लाइटिस टीकाकरण अभियान की जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरके चतुर्वेदी ने कहा, बच्चे को मस्तिष्क ज्वर से बचाने के लिए उनका टीकाकरण कराना विभाग के साथ-साथ माता पिता की भी जिम्मेदारी है। ज़िले में कोई भी बच्चा ना छूटे इसके लिए जनप्रतिनिधियों और आमजनों से भी अपील की गई है साथ ही उनका सहयोग भी लिया जा रहा है।

इस अभियान में कोरोना संक्रमण से बचाव का भी ध्यान रखा जा रहा है। टीकाकरण के लिए बच्चों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग रखने, टीकाकरण के दौरान मास्क, ग्लब्स का प्रयोग करने आदि का विशेष तौर से ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. सीआर मैत्री ने बताया, इन्सेफेलाइटिस को जापानी बुखार के नाम से भी जाना जाता है। यह एक प्रकार का दिमागी बुखार है जो वायरल संक्रमण के कारण होता है। यह संक्रमण ज्यादा गंदगी वाली जगह पर पनपता है। साथ ही क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। जापानी इन्सेफेलाइटिस में बुखार होने पर बच्चे की सोचने, समझने और सुनने की क्षमता प्रभावित हो जाती है। तेज बुखार के साथ बार-बार उल्टी होती है। प्रायः यह वायरस 1 से 15 साल की उम्र के बच्चों को अपनी चपेट में लेता है।

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