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आखिर क्यों इस अशुभ तारीख को खास मानते थे वाजपेयी जी

तीन बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले अटल बिहारी वाजपेयी का 13 नंबर से कुछ खास ही लगाव था, जिसे पूरी दुनिया में अशुभ माना जाता है। पहली बार 1996 में जब वह प्रधानमंत्री बने तो उनकी सरकार 13 दिन ही चल पाई थी। 1996 में 13 मई को ही उन्होंने पीएम पद की शपथ ली थी। 

दूसरी बार 1998 में वह प्रधानमंत्री बने और उनकी सरकार 13 महीने चली। इसके ठीक 13 महीने बाद वह फिर सत्ता में लौटे और 13 दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई। 

तीसरी बार उन्होंने 13 अक्तूबर 1999 को शपथ ली और पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। उनकी सरकार में पोखरण परमाणु विस्फोट भी 11 और 13 मई को ही कराया गया था। 

सलाहकारों और सहयोगियों के टोकने के बावजूद अटल जी 13 नंबर को ही लकी मानते थे। हालांकि 2004 के चुनाव में उनके लिए यह नंबर अशुभ साबित हुआ। 

उन्होंने इस चुनाव के लिए 13 अप्रैल को नामांकन किया था और 13 मई को वोटों की गिनती में उन्हें सत्ता गंवानी पड़ी थी। उनके करीबियों का कहना है कि वह किसी होटल में भी ठहरने जाते तो उसकी 13वीं मंजिल और कमरा नंबर 13 ही ढूंढते थे। 

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