उत्तराखंड

दून में डेंगू का दूसरा मामला आया सामने, हरिद्वार निवासी युवक में पुष्टि

जनपद में डेंगू का और एक मामला सामने आया है। हरिद्वार निवासी युवक में डेंगू की पुष्टि हुई है। उसका हिमालयन अस्पताल, जौलीग्रांट में उपचार चल रहा था। मरीज की हालत में अब सुधार है और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। जिले में डेंगू का यह दूसरा मामला है। 

जिला वीबीडी (वेक्टर जनित रोग) अधिकारी सुभाष जोशी ने बताया कि बीएचईएल हरिद्वार निवासी 35 वर्षीय युवक पुणे में प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता है। तबीयत खराब होने पर वह छुट्टी लेकर घर आ गया था। परिजनों ने 12 अगस्त को उसे हिमालयन अस्पताल, जौलीग्रांट में भर्ती कराया। जहां रैपिड जांच में डेंगू की पुष्टि हुई। 

उसकी प्लेटलेट्स भी 45 हजार पहुंच गई थी। इस दौरान अस्पताल प्रबंधन ने उसका उपचार जारी रखा। 19 अगस्त को अस्पताल से भेजे गए सैंपल की एलाइजा जांच कराई गई। जिसकी रिपोर्ट 20 अगस्त को देर शाम तक आई। उनका कहना है कि युवक संभवत: पुणे में ही इस बीमारी की जद में आया। 

अब उसकी हालत में सुधार है और प्लेटलेट्स भी डेढ़ लाख तक पहुंच गई हैं। अस्पताल से उसे डिस्चार्ज कर दिया गया है। उधर, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एसके गुप्ता ने बताया कि विभाग आशाओं की मदद से शहर के कई विभिन्न हिस्सों में जाकर लोगों को डेंगू के प्रति जागरूक कर रहा है। वहीं, नगर निगम की ओर से भी फॉगिंग कराई जा रही है। इसके अलावा निजी व सरकारी, सभी अस्पतालों को डेंगू के उपचार के लिए आवश्यक इंतजाम करने को कहा गया है।

बच्चों को बताया, कैसे करें डेंगू से बचाव

जिम्प पायनियर स्कूल में छात्रों को डेंगू के लक्षण व बचाव की जानकारी दी गई। कक्षा 11 व 12 के इको-क्लब से जुड़े विद्यार्थियों ने इस विषय में छात्रों को जागरूक किया। 

स्कूल के प्रधानाचार्य जगदीश पांडेय ने बताया कि डेंगू से बचाव का सीधा तरीका यही है कि मच्छरों को आसपास पनपने न दिया जाए। डेंगू फैलाने वाला मच्छर रुके हुए साफ  पानी में पनपता है। इसीलिए कूलर, पानी की टंकी, पशुओं के पीने के पानी के बर्तन, फ्रिज की ट्रे, फूलदान, नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन, टायर, डिस्पोजल आदि में पानी न जमा होने दें। अपने घर के आसपास सफाई रखें। 

उन्होंने कहा कि पानी से भरे बर्तन व टंकियों को ढक कर रखें। उन्होंने बताया कि डेंगू मच्छर दिन में काटता है, इसलिए ऐसे कपड़े पहनें जो शरीर को ढक कर रखें। मच्छर रोधी क्रीम, क्वाइल, रिपेलेंट आदि का प्रयोग करें।

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