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सऊदी अरब में पहली बार हो रहा है महिला कार्यकर्ता का सिर कलम

सऊदी अरब के पूर्वी कातिफ प्रांत में सरकार के विरुद्ध आवाज़ उठाने वाली एक्टिविस्ट इसरा अल-गोमघम को दिसंबर 2015 में गिरफ्तार कर लिया गया था जिसके बाद अब उसे सजा ए मौत देने की तैयारी की जा रही है. खबरों की मानें तो सऊदी अरब में पहली बार किसी महिला को मौत की सजा दी जा रही है. सजा ए मौत में उसका सिर कलम भी किया जा सकता है लेकिन इसी के साथ उसके जीवन दान की कामना की जा रही है और इस पर अभियान भी चलाया जा रहा है. इसरा को उसके पति मूसा अल-हाशिम के साथ गिरफ्तार किया गया था. जानकारी के लिए बता दें, रियाद की विशेष अदालत में इस माह सुनवाई के दौरान इस्रा के साथ पांच अन्य और अभियुक्तों को देश के आतंक विरोधी कानून के तहत सिर कलम करने की मांग रखी है.

इस पर मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस फैसले के खिलाफ अपील की है जिस पर अक्टूबर में फैसला लिया जायेगा और अगर सजा नहीं रुकी तो किंग सलमान के पास इस फैसले को लेकर जाया जायेगा. इसरा की सजा रोकने के लिए कनाडा और सऊदी अरब के बीच रिश्ते ख़राब हो चुके हैं. वहीं जर्मनी स्थित यूरोपीय सऊदी ऑर्गेनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स के निदेशक अली अदुबिसी ने कहा कि महिला एक्टिविस्ट इसरा को पिछले तीन साल से कैद रखा गया है और साथ ही उसके बचाव में वकील भी करने का अधिकार नहीं मिला.

इसरा पिछले कुछ सप्ताह से तब चर्चा में आई जब अरब की मीडिया और सोशल साइट्स पर उसकी मौत की खबरें सामने आई थी. आपको बता दें, इसरा एक जानी मानी एक्टिविस्ट हैं और उन्हें राजनीतिक कैदियों की रिहाई और शिया विरोधी सरकार के लिए जो आवाज़ उताहै उसके लिए उसे गिरफ्तार किया गया था. सऊदी अरब में शियाओं के साथ बहुत बुरा बर्ताव किया जाता है और उन्हें न्याय नहीं मिल पाटा इसी को देखते हुए इसरा ने आवाज़ उठाई थी जिसकी सजा उसे मिल रही है.

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