मोदी के NSA डोभाल जैसे ममता ने भी नियुक्त किया अपना SSA
देश में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का पद कोई नया नहीं है. 2014 में नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने अजीत डोभाल को एनएसए जैसे महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त किया था. एनएसए की ही तर्ज पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने देश में पहली बार राज्य सुरक्षा सलाहकार(एसएसए) का एक पद बनाया है, जो चर्चा का विषय बना हुआ है. अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ममता ने पुलिस महानिरीक्षक सुरजीत कर पुकारायस्थ को एसएसएके रूप में नियुक्त किया है. और उन्हें सुरक्षा और प्रवर्तन जैसी महत्वपूर्ण एजेंसियों पर निगरानी जैसे अधिकारों से लैस किया है.
कोलकाता राजपत्र अधिसूचना के मुताबिक एसएसए न केवल मुख्यमंत्री के मुख्य सुरक्षा समन्वयक के रूप में कार्य करेगा बल्कि उसके पास सुरक्षा मुद्दों और कर्मियों से जुड़े प्रस्तावों में ‘सामरिक हस्तक्षेप’ की शक्ति भी होगी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘एसएसए की अहमियत एक वास्तविक मंत्री से कम नहीं होगी.’ एसएसए के पास सुरक्षा मुद्दों से संबंधित सभी प्रस्तावों की जांच करने का अधिकार होगा. डीजीपी और गृह सचिव को पहले इन जिम्मेदारियों के साथ सौंपा गया था, लेकिन अब सबकुछ एसएसए के पास होगा.
अधिकारी ने बताया कि एसएसए ‘राज्य खुफिया ग्रिड’ के लिए एक तंत्र प्रदान करेगा. यह राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड की तरह ही होगा. एसएसए मुख्यमंत्री को सीधे रिपोर्ट करेगा. एसएसए की नियुक्ति तीन साल के लिए होगी. गौरतलब है कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने ऐसे ही मुख्यमंत्री के लिए मुख्य प्रधान सचिव पद सृजित किया था. राज्य सरकार के इस कदम को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा ‘असंवैधानिक’ करार दे दिया गया था. पंजाब में पहली बार बनाई गई ये पोस्ट केंद्र सरकार के कैबिनेट सचिव के बराबर था.
हालांकि, यूपी की पूर्व सीएम मायावती की इस तरह की कोशिश सफल रही थी. उन्होंने अपने कार्यकाल में शशांक शेखर सिंह को राज्य में कैबिनेट सचिव नियुक्त किया था. पश्चिम बंगाल के एसएसए के रूप में नियुक्त किए गए पुकारायस्थ ने पहले कोलकाता पुलिस आयुक्त और अपराध जांच विभाग के महानिदेशक के रूप में कार्य किया था. उनका इसी महीने कार्यकाल पूरा हो रहा है.
बता दें कि गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि 2016 में सुरजीत कर पुरकायस्थ का सेवाकाल पूरा हो चुका था लेकिन उन्हें 2 सालों के लिए सेवा विस्तार पर रखा गया। इससे पहले कोलकाता पुलिस आयुक्त के पद से पदोन्नति दे कर उन्हें ममता बनर्जी की सरकार ने उन्हें राज्य पुलिस का महानिदेशक बना दिया था.