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जाने आचार्य चाणक्य की सफल निति के बारेमे कुछ खास बाते। …

आचार्य चाणक्य एक कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर कूटनीतिज्ञ, प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में जाने जाते हैं.

उन्‍होंने नीति शास्त्र में अपने ज्ञान और अनुभव के आधार पर जहां जीवन की हर परिस्थिति का सामना करना और सुख दुख में विचलित न होने के लिए कई महत्‍वपूर्ण बातें बताई हैं, वहीं उन्‍होंने सफलता पाने के भी कई मंत्र बताए हैं.

इनका अमल करने से व्यक्ति जीवन में सफलता की ऊंचाइयों को छू सकता है. चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य द्वारा वर्णित नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं. आइए जानते हैं आचार्य चाणक्य की बताई गई ये महत्‍वपूर्ण बातें.

नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्‍य ने बताया है कि पुस्तकें एक मूर्ख आदमी के लिए वैसे ही हैं, जैसे उस व्‍यक्ति के लिए आईना जिसकी आंखें न हों. इसलिए मूर्खों से दूरी बनाए रखना ही बेहतर रहता है.

आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि एक राजा की ताकत उसकी शक्तिशाली भुजाओं में होती है. ब्राह्मण की ताकत उसके आध्यात्मिक ज्ञान में और एक महिला की ताकत उसकी खूबसूरती और मधुर वाणी में होती है.

चाणक्‍य नीति कहती है कि आग सिर में स्थापित करने पर भी जलाती है. अर्थात दुष्ट व्यक्ति का कितना भी सम्मान कर लें, वह सदा दुख ही देता है. इसलिए दुष्‍ट व्‍यक्ति से दूरी बनाए रखनी चाहिए.

आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि जो गुजर गया उसकी चिंता नहीं करनी चाहिए. न ही भविष्य के बारे में चिंतिंत होना चाहिए. समझदार लोग केवल वर्तमान में ही जीते हैं. तभी सफलता प्राप्‍त करते हैं.

चाणक्‍य नीति कहती है कि जो जिस कार्य में कुशल हो उसे उसी कार्य में लगना चाहिए. अपनी इच्‍छा के विपरीत काम में कभी सफलता नहीं मिलती. इसलिए वही काम चुनें जिसके लिए मन से तैयार हों.

आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि पृथ्वी सत्य पे टिकी हुई है. ये सत्य की ही ताकत है, जिससे सूर्य चमकता है और हवा बहती है. वास्तव में सभी चीजें सत्य पे टिकी हुई हैं. इसलिए सदा सत्‍य बोलें.

चाणक्‍य नीति कहती है कि फूलों की खुशबू हवा की दिशा में ही फैलती है, लेकिन एक व्यक्ति की अच्छाई चारों तरफ फैलती है. इसलिए हालात जैसे भी हों अच्‍छा आचरण कभी नहीं छोड़ना चाहिए.

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