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भारत और चीन विवाद पूर्वी लद्दाख में सैनिकों की हुई तैनाती

पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी की एक तस्वीर सामने आई है जिसमें भारत और चीन के टैंक, बीएमपी व्हीकल, सैनिक और टेंट दिखाई पड़ रहे हैं. बताया जा रहा है कि ये तस्वीर रेचिन ला दर्रे की है

जहां क्रिसमस और नए साल के मौके पर थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे गए थे. ये तस्वीर भारत की तरफ से ली गई है, लेकिन ये तस्वीर सबसे पहले चीनी सोशल मीडिया विबो पर सामने आई थी.

हरे रंग से भारतीय सेना की डिप्लोयमेंट है, और लाल रंग वाली चीन की पीएलए सेना है. इस तस्वीर से पता चलता है कि दोनों सेनाएं 100 मीटर से भी कम दायरे में आई बॉल टू आई बॉल हैं यानि आमने सामने हैं. यह तस्वीर बताती है कि एलएसी पर हालात कितने संवेदनशील बने हुए हैं और कभी भी टकराव की स्थिति बन सकती है.

भारतीय सेना ने शुक्रवार को पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग सो के दक्षिणी तट से चीन के एक सैनिक को वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार करके भारतीय क्षेत्र में आने के बाद पकड़ लिया. यह करीब तीन महीने में ऐसी दूसरी घटना है. यह जानकारी आधिकारियों ने शनिवार को दी.

चीन का सैनिक ऐसे समय पकड़ा गया है, जब मई की शुरुआत में पैंगोंग झील क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच झड़प और सीमा पर तनाव उत्पन्न होने के बाद भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की ओर से पूर्वी लद्दाख में भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती की गई है.

रक्षा मंत्रालय ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर एक से अधिक क्षेत्रों में यथास्थिति को बलपूर्वक बदलने की चीनी सेना की एकतरफा एवं भड़काऊपूर्ण कार्रवाई’ का दृढतापूर्वक जवाब दिया गया.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय सैनिक चीनी सैन्यबलों के किसी भी ‘दुस्साहस’ का जवाब देने के लिए उत्साह से लबरेज है और भारतीय सेना किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए तैयार है

सौहार्द्रपूर्ण तरीके से मुद्दे का समाधान करने के लिए वार्ता आगे बढ़ रही है. गलवान घाटी की झड़प का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीनी पक्ष में भी बहुत हताहत हुए.

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