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पुणे से हुए कोरोना वैक्सीनेशन के तीन ट्रक डिस्पैच जाने सरकार ने खरीदी कितने करोड़ की डोज़ ?

देश में 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीनेशन शुरू होने जा रहा है. मंगलवार सुबह सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के पुणे स्थित प्रोडक्शन सेंटर से कोविशील्ड की पहली खेप कड़ी सुरक्षा के बीच डिस्पैच हो गई है.

केंद्र सरकार ने सोमवार को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रेजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को ऑर्डर दिया था. यह ऑर्डर एक करोड़ 10 लाख डोज का है. ऑर्डर के मुताबिक, वैक्सीन के हर डोज की कीमत 200 रुपये है. इस पर 10 रुपये GST लगेगा, यानी इसकी कीमत 210 रुपये होगी.

कोविशील्ड वैक्सीन के बॉक्स को पुणे एयरपोर्ट ले जाने के लिए तीन कंटेनर ट्रकों को बुलाया गया. इन ट्रकों में वैक्सीन को तीन डिग्री तापमान में रखकर पुणे एयरपोर्ट पहुंचाया गया,

जहां से कुल 8 उड़ानें कोविशिल्ड वैक्सीन को 13 विभिन्न स्थानों पर ले जाएंगी. पहली फ्लाइट दिल्ली एयरपोर्ट के लिए रवाना होगी. फिर दिल्ली से वैक्सीन को देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजा जाएगा.

HLL लिमिटेड ने दिया ऑर्डरसीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने ट्वीट कर बताया कि कोविशिल्ड वैक्सीन के लिए पब्लिक सेक्टर की कंपनी HLL लिमिटेड ने सरकार की ओर से ऑर्डर जारी किया है.

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने 3 जनवरी को कोविशील्ड को मंजूरी दी थी. हफ्तेभर में कोविशील्ड की एक करोड़ से ज्यादा डोज की सप्लाई की जा सकती है.

शुरुआत में वैक्सीन के डोज 60 पॉइंट पर भेजे जाएंगे. वहां से इन्हें आगे भेजा जाएगा. हेल्थ मिनिस्ट्री जल्द ही भारत बायोटेक की कोवैक्सिन के लिए भी बिक्री आदेश पर साइन करने वाली है.

देशभर में 41 डेस्टिनेशन की पहचान की गई है, जहां वैक्सीन की डिलीवरी होगी. उत्तरी भारत में दिल्ली और करनाल को मिनी हब बनाया गया है. पूर्वी क्षेत्र में कोलकाता और गुवाहाटी को मिनी हब बनाया गया है. गुवाहाटी को पूरे नॉर्थ-ईस्ट के लिए नोडल पॉइंट बनाया है. चेन्नई और हैदराबाद दक्षिण भारत के लिए तय पॉइंट्स हैं.

भारत की वैक्सीनेशन ड्राइव दुनिया में सबसे बड़ी है. 16 जनवरी से शुरू होने वाले पहले फेज में तीन करोड़ हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाई जाएगी. इनमें 1 करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स और 2 करोड़ अन्य फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल हैं.

इसके बाद 27 करोड़ हाई-रिस्क वाले लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी. इनमें सीनियर सिटीजन और वह लोग शामिल हैं जिन्हें हाई-रिस्क कैटेगरी में रखा गया है. इन्हें अगस्त 2021 तक वैक्सीनेट करने की योजना है. सरकार ने 30 करोड़ लोगों वैक्सीन लगाने की तैयारी की है.

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