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सहकारिता के मूल तत्व को अपनायें और सहकारिता से जुड़े़ लोगों के चेहरों पर मुस्कान : मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा

उत्तर प्रदेश के सहकारिता मंत्री श्री मुकुट बिहारी वर्मा ने कहा कि संघ कार्य में लोकेषणा, वित्तेषणा और दारेषणा, तीनों से मुक्त होना पड़ेगा।

सहकार भारतीय के कार्यकर्ता इन मानकों को अपना कर वास्तविक सहकारिता का कार्य कर रहे हैं। पंडित दीन दयाल उपाध्याय कहते थे कि लोगों को संगठन के रूप में गांव-गरीब-किसान के लिए कार्य करना चाहिए। उनका सपना था कि दीन-हीन कमजोर लोगों के घरों तक रोशनी पहुंचे।
यह विचार सहकारिता मंत्री श्री मुकुट बिहारी वर्मा ने आज सहकार भारती का 42वां स्थापना दिवस सहकारिता भवन स्थित चैधरी चरण सिंह सभागार में आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किये।

उन्होने कहा कि समाज के अधिकाधिक वर्गों तक हमारी पहुंच हो, यही हमारा मूल तत्व है। सहकारिता की प्राथमिक व सबसे छोटी इकाई की आम आदमी तक सीधी पहुंच होती है। हमारा चिंतन यही होना चाहिए कि सहकारिता के मूल तत्व को अपनायें और सहकारिता से जुड़े लोगों के चेहरों पर मुस्कान लायें।
इस अवसर पर कार्यक्रम का शुभारंभ सहकार भारती के ध्वज गीत से हुआ। इसके बाद सूबे में सहकारिता क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले सहकारी बंधुओं- आलोक सिंह, वाल्मीकि त्रिपाठी, परीक्षित सिंह, मनीष साहनी को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सहकार भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मार्कण्डेय सिंह ने संगठन की स्थापना व उद्देश्यों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में संगठन का प्रसार देश के 27 प्रदेशों और लगभग छह सौ जिलों में है।

इसका दायरा अंडमान निकोबार तक पहुंच गया है। दातागंज (बदायूं) के विधायक श्री राजीव सिंह ने सहकारिता की उपयोगिता व सहकार भारती की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण एवं श्रम विकास सहकारी संघ (यूपीसीएलडीएफ) के अध्यक्ष श्री वीरेंद्र तिवारी ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र में वृद्वि हो रही है। उत्तर प्रदेश सहकारी बैंक (यूपीसीबी) के अध्यक्ष श्री तेजवीर सिंह ने कहा कि सहकारी क्षेत्रों में परिवर्तन दिख रहा है।

उत्तर प्रदेश भूमि विकास बैंक (यूपीएलडीबी) चेयरमैन संतराज यादव ने कहा कि सहकार भारती का उद्देश्य व्यक्ति निर्माण का है, जिसमें वह सफल हो रही है। देश के गांवों में किसान तक संगठन से जुड़ रहे हैं,

उनका स्तर उठ रहा है और पं. दीन दयाल का सपना साकार हो रहा है। विशिष्ट अतिथि भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नैफेड) के निदेशक श्री अशोक ठाकुर ने सहकार भारती की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार ने कृषि क्षेत्र में बड़े किसानों, बिचैलियों व जमाखोरों के तंत्र को तोड़ा है और आम व गरीब किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए निर्णय लिये हैं। इस मुहिम में सहकारी संघों की महत्वपूर्ण भूमिका सिद्ध हो रही है।
विशिष्ट अतिथि विधान परिषद सदस्य श्री विद्या सागर सोनकर ने सहकारिता में महिलाओं के योगदान का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि अन्य सरकारों में लोग सहकारी संघों में जोड़-तोड़ कर पद पाते थे मगर उनको यह तक नहीं पता होता था कि वे किस पैक्स से आते हैं। वर्तमान समय स्थिति बदली है और बदहाल सहकारी संघों की स्थिति श्रम व निगरानी करके बदली जा रही है।

उन्होंने आह्वान किया कि जो पदाधिकारी जहां से डेलीगेट है, वहीं की चिंता कर ले तो सहकारी समितियों में बदलाव होगा। कार्यक्रम का संचालन सहकार भारती के प्रदेश महामंत्री डॉ. प्रवीण सिंह जादौन ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सहकार भारती के प्रदेश अध्यक्ष श्री रमाशंकर जायसवाल ने कार्यक्रम में आये सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। क्षेत्रीय संगठन मंत्री लक्ष्मण पात्र ने सहकारिता मंत्र के साथ समापन कराया।
इस अवसर पर प्रदेश संगठन प्रमुख राजदत्त पाण्डेय, प्रदेश माटी कला बोर्ड सदस्य नीलम प्रजापति, सहकार भारती की प्रदेश महिला प्रमुख मीनाक्षी राय, सुमन शुक्ला (मेरठ), कृष्ण कुमार राव व सचिन शुक्ला (कानपुर), प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य महेन्द्र सोनी व प्रीतम सिंह ‘किसान’ (राठ-हमीरपुर), लखनऊ विभाग संयोजक हीरेन्द्र कुमार मिश्रा,

कुंदन सिंह राठौड़ (उरई-जालौन), रमा यादव, जय प्रकाश पाण्डेय (आजमगढ़), नरेंद्र उपाध्याय, (एटा), अरविंद मिश्रा, अनंत कुमार मिश्रा आदि समेत विभिन्न जिलों के सहकारी बैंकों व सहकारी संघों के अध्यक्ष और बड़ी संख्या में पदाधिकारी तथा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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