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उत्तर प्रदेश डाटा सेण्टर नीति-2021‘ को मंजूरी

मंत्रिपरिषद ने ‘उत्तर प्रदेश डाटा सेण्टर नीति-2021‘ को मंजूरी प्रदान कर दी है। मंत्रिपरिषद द्वारा यह निर्णय भी लिया गया है कि समय की आवश्यकताओं के अनुरूप

‘उत्तर प्रदेश डाटा सेण्टर नीति-2021‘ में मुख्यमंत्री जी के अनुमोदनोपरान्त परिवर्तन किया जा सकेगा। यह नीति अधिसूचना की तिथि से 05 वर्ष तक अथवा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कोई नई नीति/संशोधन किए जाने तक लागू रहेगी।

उत्तर प्रदेश डाटा सेण्टर नीति के अन्तर्गत राज्य में 250 मेगावॉट डाटा सेण्टर उद्योग विकसित किया जाना, राज्य में 20,000 करोड़ रुपए का निवेश आकृष्ट किया जाना तथा कम से कम 03 अत्याधुनिक निजी डाटा सेण्टर पाक्र्स स्थापित कराए जाने का लक्ष्य है।

नीति के अन्तर्गत डाटा सेण्टर पाक्र्स और डाटा सेण्टर इकाइयों को पूंजी उपादान, ब्याज उपादान, भूमि के क्रय/पट्टे पर स्टाम्प ड्यूटी में छूट तथा ऊर्जा से सम्बन्धित वित्तीय प्रोत्साहनों के अतिरिक्त विभिन्न गैर वित्तीय प्रोत्साहन भी दिए जाएंगे। बुन्देलखण्ड तथा पूर्वांचल क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन की व्यवस्था की गई है।

डाटा सेण्टर इकाइयों के आस-पास बड़ी संख्या में सूचना प्रौद्योगिकी तथा सूचना प्रौद्योगिकी जनित इकाइयों की स्थापना होती है। इनमें प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होते हैं।

इस नीति से प्रदेश में 03 सम्भावित डाटा सेण्टर पाक्र्स तथा 10 डाटा सेण्टर इकाइयों की स्थापना से लगभग 4,000 व्यक्तियों हेतु प्रत्यक्ष एवं 10,000 से 20,000 व्यक्तियों के लिए अप्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त होने की सम्भावना है। इससे जन-सामान्य का सामाजिक-आर्थिक उत्थान होगा।

डाटा सेण्टर नीति निर्गत होने से इस क्षेत्र के सम्भावित निवेशक प्रदेश में अपने डाटा सेण्टर अथवा सूचना प्रौद्योगिकी या सूचना प्रौद्योगिकी जनित सेवा उद्योगों की स्थापना हेतु प्रोत्साहित होंगे।

ग्लोबल डाटा सेण्टर्स जैसे अमेजाॅन, गूगल, माइक्रोसाॅफ्ट, आई0बी0एम0 इत्यादि के आने की सम्भावना बढ़ेगी। इससे उत्तर प्रदेश विश्वस्तर पर प्रतिष्ठित हो सकेगा एवं डाटा स्टोरेज में देश और प्रदेश आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर हो सकेगा।

वर्तमान में देश का अधिकांश डाटा देश के बाहर संरक्षित किया जाता है। डाटा सेण्टर पाक्र्स और डाटा सेण्टर इकाइयों की स्थापना हेतु प्रदेश में अभी कोई डाटा सेण्टर नीति नहीं है।

इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार द्वारा डाटा सेण्टर नीति बनाए जाने का निर्णय लिया गया है। इस नीति के प्रख्यापन से पूर्व ही, राज्य सरकार को कई प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिन पर राज्य सरकार द्वारा सक्रियता से कार्य किया जा रहा है।

प्रदेश सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप उत्तर प्रदेश में सभी प्रकार के उद्योगों के लिए एक अनुकूल वातावरण बना है। बड़ी संख्या में देश-विदेश के निवेशक उत्तर प्रदेश में अपने उद्योगों की स्थापना के लिए आकर्षित हो रहे हैं। वर्तमान प्रदेश सरकार कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात् राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है।

कोविड-19 कालखण्ड के उपरान्त बदलती हुई परिस्थितियों में राज्य सरकार द्वारा अनेक नई नीतियों की घोषणा की गई है। ‘पिछड़े क्षेत्रों के लिए त्वरित निवेश प्रोत्साहन नीति-2020‘ के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा

प्रदेश के पूर्वांचल, मध्यांचल और बुन्देलखण्ड क्षेत्रों में औद्योगिक विकास के केन्द्रों की स्थापना के उद्देश्य से नई औद्योगिक इकाइयों को फास्ट ट्रैक मोड में आकर्षक प्रोत्साहन प्रदान किए जा रहे हैं।

इसी प्रकार गैर-आई0टी0 आधारित स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देने के लिए एक नई स्टार्टअप नीति-2020 घोषित की गई तथा ‘उ0प्र0 इलेक्ट्राॅनिक्स विनिर्माण नीति-2020’ उद्घोषित की गई है।

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