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मण्डी परिषद ने भ्रष्टाचार पर कड़ा अंकुश लगाने हेतु उठाये कदम : जितेन्द्र प्रताप सिंह

उत्तर प्रदेश के मण्डी परिषद के निदेशक श्री जितेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा है कि भ्रष्टाचार पर बड़ा अंकुश लगाने के लिए मण्डी परिषद द्वारा प्रभावी कदम उठाये गये हंै। उन्होंने कहा कि मण्डी परिषद में भ्रष्टाचार और अनियमितता को रोकने पर जीरो टालरेंस की नीति अपनाई गयी है।

इसी क्रम में अनियमितता बरतने और निर्माण कार्यों में मानक के अनुरूप कार्य न कराये जाने के कारण मण्डी परिषद के एक संयुक्त निदेशक व दो उपनिदेशकों को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है।

तीन अन्य उपनिदेशकों सहित छः अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की संस्तुति की गयी है।

श्री सिंह ने कहा कि मण्डी परिषद को आदर्श और स्वच्छ एवं पारदर्शी मण्डी परिषद के रूप में विकसित करने के साथ ही किसानों को बेहतर वातावरण उपलब्ध कराने का काम किया जा रहा है।

ऐसे में किसानों की अनदेखी न करने, विभाग में किसी भी प्रकार की अनियमितता न होने देने तथा भ्रष्टाचार से मण्डी परिषद के कार्यों को मुक्त रखे जाने और विभागीय कर्मियों को आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करने के सम्बन्ध में कार्यवाही की जा रही है।

मण्डी निदेशक ने कहा कि वर्ष 2007 से 2014 के अवधि में श्री गोपाल शंकर, संयुक्त निदेशक निर्माण द्वारा आगरा में तैनाती के दौरान लोक निर्माण विभाग के एस0ओ0आर0 से अधिक दर पर सीमंेट क्रय कर 3247500 रूपये की क्षति विभाग को पहुँचाई गयी।

इसके साथ ही बुन्देलखण्ड पैकेज में कार्यों में स्टील मद की दरों के लिए निर्धारण हेतु गठित समिति के सदस्य के रूप में एस0ओ0आर0 से अधिक दरों पर क्रय करने तथा वाराणसी मण्डी के कार्यों के शिथिल पर्यवेक्षण के कारण उन्हें निलम्बित करने सहित अनुशासनात्मक कार्यवाही की संस्तुति की गयी है।

श्री सिंह ने बताया कि जनपद गोण्डा, बलरामपुर, वाराणसी में तैनाती के दौरान उपनिदेशक श्री राम नरेश द्वारा विभिन्न प्रकार की अनियमितताएं बरतने के साथ ही अनुमोदित धनराशि से अधिक भुगतान करने निर्माण कार्यों में गुणवत्ता न बरते जाने तथा अधिकारों के दुरूपयोग, स्वेच्छाचारिता से काम करने के कारण इन्हें निलम्बित करते हुए अनुशासनात्मक कार्यवाही संस्तुति की गयी है।

उपनिदेशक श्री हरी राम द्वारा जनपद अयोध्या में तैनाती के कार्यकाल में मण्डी समिति अकबरपुर के तहत बिना निविदा के पांच सम्पर्क मार्गों की मरम्मत एवं दो अन्य सम्पर्क मार्गों में स्वेच्छाचारिता बरतने तथा एक मार्ग की आवश्यकता न होने के बाद कार्य कराने,

बहराइच जनपद में विभागीय कार्य में भ्रष्टाचार एवं अनियमितता बरतने, बदायंू/बरेली में निम्नस्तरीय  रगाई पुताई हेतु अनियमित भुगतान करने एवं दायित्वों के निर्वहन में उदासीनता बरतने के कारण इन्हें निलम्बित करते हुए अनुशासनात्मक कार्यवाही की संस्तुति की गयी है।

मण्डी निदेशक ने कहा कि उपनिदेशक श्री अशोक कुमार द्वारा कोरोना काल में  निर्माण खण्ड मिर्जापुर से दायित्वों से पलायन करने एवं अनुशासनहीनता के आरोपों के कारण अनुशासनात्मक कार्यवाही की संस्तुति की गयी हैं।

इसी प्रकार उपनिदेशक अतर सिंह द्वारा उपमण्डी स्थल बण्डा (जनपद शाहजंहापुर) में सी0सी रोड के कार्य के अधोमानक पाये जानेे तथा अंान्तरिक नालियों की मरम्मत कार्य मानक के तहत न होने एवं कानपुर जनपद में सम्पर्क मार्ग का मरम्मत कार्य अधोमानक तथा डिफेक्ट लायविलिटी पीरियड में कमियों को ठेकेदार से ठीक न कराये जाने के कारण अनुशासनात्मक कार्यवाही की संस्तुति की गयी है।

श्री सिंह ने कहा कि उपनिदेशक श्री नरेन्द्र कुमार मलिक द्वारा नवीन मण्डी स्थल साहिबाबाद (गाजियाबाद) में सफाई कार्य हेतु अनुबन्धित ठेकेदार द्वारा मण्डी स्थल की सफाई से निकलने वाले कचरे को नगर निगम द्वारा निर्धारित स्थल पर न ले जाने के बावजूद भी ठेकेदार को अनियमित रूप से भुगतान किया जाता रहा है।

श्री मलिक ने पर्यवेक्षकीय दायित्वों में भी शिथिलता बरती, इस कारण उनके विरूद्ध भी अनुशासनात्मक कार्यवाही की संस्तुति की गयी है।

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