चमोली से सटी सीमा पर बाड़ाहोती क्षेत्र में एक बार फिर चीनी सैनिकों की घुसपैठ की सूचना है। बताया जा रहा है कि बीते माह अगस्त में तीन बार चीन सैनिक क्षेत्र में करीब चार किमी तक अंदर तक घुस आए। हालांकि, चमोली की जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया ने ऐसी किसी जानकारी होने से इन्कार करते हुए कहा कि इस बारे में सेना ही कुछ कह सकती है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी चीन सैनिकों ने 26 जुलाई को भारतीय सीमा में घुसपैठ की थी। चमोली के बाड़ाहोती क्षेत्र में करीब डेढ़ सौ से दो सौ चीनी सैनिक भारतीय सीमा में घुस आए थे। आइटीबीपी की अग्रिम चौकी रिमखिम पर तैनात जवानों से नियमित गश्त के दौरान उनका सामना हुआ था। आइटीबीपी जवानों के देखते ही चीनी सैनिकों का दल लौट गया था।
जोशीमठ से 105 किलोमीटर दूर चमोली में चीन से जुड़ी भारतीय सीमा घुसपैठ की दृष्टि से संवेदनशील मानी जाती है। विशेषकर 80 वर्ग किलोमीटर में फैला बाड़ाहोती चारागाह। यहां स्थानीय लोग अपने मवेश्यिों को लेकर आते हैं। जून के दूसरे सप्ताह में इस क्षेत्र में दो चीनी हेलीकॉप्टर देखे गए थे। घटना के बाद प्रशासन का एक दल क्षेत्र का जायजा लेने भी गया था। इसके बाद जुलाई माह 18 जुलाई को प्रशासन का 17 सदस्यीय दल सीमावर्ती क्षेत्र का जायजा लेने रवाना हुआ था, लेकिन भारी बारिश के कारण रास्ते क्षतिग्रस्त होने से टीम 18 जुलाई को वापस आ गई थी। गौरतलब है कि वर्ष में चार बार प्रशासन की टीम बाड़ाहोती का जायजा लेने जाती है।
इससे पहले वर्ष 2014 में भी यहां चीन का विमान देखा गया था। इसके बाद जुलाई 2016 में क्षेत्र के निरीक्षण को गई राजस्व टीम से चीनी सेना का सामना हुआ था। सैनिकों ने टीम को लौट जाने का इशारा भी किया। इसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भी भेजी गई थी। वर्ष 2015 में चीनी सैनिकों द्वारा चरवाहों के खाद्यान्न को नष्ट करने की घटना भी सामने आई थी