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प्रदेशबिहार

बिहार की सियासत से जुड़ी बड़ी खबर, 15 मार्च तक हो सकता है RLSP का JDU में विलय

बिहार की सियासत से जुड़ी यह सबसे बड़ी खबर है। राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के जनता दल यूनाइटेड (JDU) में विलय की बात कुछ और आगे बढ़ी है। सूत्रों के अनुसार अंतिम दौर की बातचीत के बाद आरएलएसपी सुप्रीमाे उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) की अंतिम स्‍वीकृति मिलते ही पार्टी का जेडीयू में विलय हो सकता है। बताया जा रहा है अगर सबकुछ ठीक रहा तो यह विलय 10 दिनों में हो सकता है। बहुत संभव है कि यह 15 मार्च तक हो जाए। इसके साथ ही उपेंद्र कुशवाहा करीब दो साल बाद फिर राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल हो जाएंगे। उपेंद्र कुशवाहा की बातों से इसके संकेत मिले हैं। इस मामले में राजनीति भी गरमाती दिख रही है।

अपना-अपना आधार मजबूत करने में जुटे नीतीशा व कुशवाहा

बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2020) में कमजोर होने के बाद जेडीयू अपना आधार मजबूत करने की कवायद में जुटा है। इसके तहत उसकी नजर कुशवाहा समाज (Kushwaha Community) पर है। इसे देखते हुए जेडीयू में प्रदेश अध्‍यक्ष का पद इस समुदाय से आने वाले उमेश कुशवाहा को दिया गया है। बिहार में कुशवाहा समाज के बड़े नेता आरएलएसपी सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा के जेडीयू में आने के बाद पार्टी में यह समीकरण और मजबूत हो जाएगा, यह तय है। उधर, गत लोक सभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) के वक्‍त एनडीए छोड़ महागठबंधन (Mahagathbandhan) के साथ गए उपेंद्र कुशवाहा कालक्रम में महागठबंधन (Grand Alliance) से भी अलग हो चुके हैं। विधानसभा चुनाव में भी उन्‍हें निराशा हाथ लगी। इसके बाद उन्‍हें भी राजनीतिक जमीन की तलाश है।

कई दौर की हो चुकी बातचीत, 15 तक विलय संभव

कहा जा सकता है कि जरूरत दोनों की है। इसे देखते हुए आरएलएसपी व जेडीयू गिले-शिकवे भुलाकर एक साथ आने की बातचीत कर रहे हैं। जेडीयू के पूर्व प्रदेश अध्‍यक्ष एवं राज्यसभा सांसद बशिष्ठ नारायण सिंह ने तो कह भी दिया है कि आरएलएसपी के जेडीयू में विलय को लेकर उपेंद्र कुशवाहा से बातचीत चल रही है। यह विलय कभी भी हो सकता है। आरएलएसपी व जेडीयू के सूत्र बताते हैं कि उपेंद्र कुशवाहा की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बशिष्ठ नारायण सिंह से कई दौर की बातचीत हो चुकी है। आरएलएसपी में होली (Holi) से पहले नई पारी के संकेत भी दे दिए गए हैं। हालांकि, अब माना जा रहा है कि यह विलय 15 मार्च तक हो सकता है।

इशारों में दिए आरएलएसपी के विलय के संकेत

सोमवार को उपेंद्र कुशवाहा के वशिष्‍ठ नारायण सिंह के साथ नजर आने से फिर इस चर्चा को बल मिला। दोनों ने इशारों में विलय के संकेत भी दिए। इस बाबत उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि उनके वशिष्‍ठ नारायण सिंह के साथ व्‍यक्तिगत संबंध थे, हैं और रहेंगे। कुशवाहा ने मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर भी कहा कि वे उनके साथ लंबे समय तक रहे हैं और रहेंगे। वशिष्‍ठ नारायण सिंह ने भी कहा कि उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार के साथ लंबे समय तक काम किया है। ऐसे में कुछ भी अस्‍वभाविक नहीं है। वैसे, आरएलएसपी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव माधव आनंद ने कहते हैं कि विलय का फैसला खुद उपेंद्र कुशवाहा ही करेंगे।

विलय को लेकर सियासी बयानबाजी तेज

इस बीच आरएलएसपी व जेडीयू के विलय को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो रही है। हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा (HAM) के प्रवक्‍ता दानिश रिजवान ने कहा है कि कुशवाहा के आने से एनडीए व जेडीयू को मजबूती मिलगी। उधर, राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रवक्‍ता मृत्‍युंजय तिवारी कहते हैं कि इस विलय से कुशवाहा समाज को कोई लाभ नहीं होगा। जेडीयू 15 सालों से सत्‍ता में है, लेकिन किसी समाज का कोई भला नहीं कर पाया है।

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